Financial Planning: बेहतर भविष्य के लिए हर कोई अच्छी से अच्छी शिक्षा (Education) अपने बच्चों (Child Education) को देना चाहता है. बच्चों की पढ़ाई बेहतर ढंग से हो इसके लिए आपको यह सुनिश्चित करना है की पैसे की कमी नहीं होने पाए. आपको बच्चों की पढ़ाई के लिए पर्याप्त पैसा (Fund) जमा करना होगा. हमारी आज की इस रिपोर्ट में बच्चों की पढ़ाई के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) कैसे करें, इसपर चर्चा करेंगे.
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बजट के अंदर कराएं स्कूल में एडमिशन - Admission in school within budget
आपको अपने बच्चों का एडमिशन ऐसे स्कूल में कराना चाहिए जिसकी फीस आप आसानी से जमा कर सकें. समय बढ़ने के साथ ही पढ़ाई के खर्च में भी बढ़ोतरी होगी. मेडिकल, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, टीचिंग आदि की पढ़ाई का अलग खर्च है.मान लीजिए कि अभी इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च 4 लाख रुपये है, लेकिन 10 वर्ष बाद 8 से 10 लाख रुपये भी हो सकता है.
कैसे करें फाइनेंशियल प्लानिंग - How To Financial Planning
सबसे पहले आपको तय करना होगा कि भविष्य में आपके बच्चे के एजुकेशन के ऊपर कितना खर्च आने की संभावना है. उसी के मुताबिक निवेश की प्लानिंग शुरू कर दें. हो सकता है कि शुरू में आपको सही अंदाजा ना हो तो कोई बात नहीं समय बीतने के साथ आपको पढ़ाई पर लगने वाले खर्च के बारे में अंदाजा हो जाएगा. ऐसे में आप समय-समय पर निवेश की समीक्षा करते जाइए.
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लक्ष्य हासिल करने के लिए कितने निवेश की जरूरत - How much investment is needed to achieve the goal
सबसे बड़ा सवाल आपने लक्ष्य तय कर लिया लेकिन उसे हासिल करने के लिए आपने क्या योजना बनाई है. इसपर ध्यान देने की बहुत जरूरत है. मान लीजिए आपको बेटी की पढ़ाई के लिए 15 वर्ष बाद 12 लाख रुपये चाहिए. ऐसे में सालाना 10 फीसदी के रिटर्न की उम्मीद के हिसाब से हर महीने 3,000 रुपये के निवेश की जरूरत होगी.
क्या हैं निवेश के विकल्प - Investment Options
फिक्स्ड डिपाजिट या रेकरिंग डिपाजिट (Fixed Deposit or Recurring Deposit): इसमें आप हरमहीने निवेश कर सकते हैं. ब्याज मिलने के साथ आपका पैसा भी बढ़ता रहेगा. cumulative फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश ज्यादा फायदेमंद है. हालांकि इसमें कोई रिस्क या जोखिम नहीं है, लेकिन इसमें रिटर्न कम मिलता है इसके अलावा ब्याज पर टैक्स भी देना पड़ता है.
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पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (Public Provident Fund): बच्चों के लिए PPF खाता खोला जा सकता है. यह अकाउंट 15 वर्ष बाद मैच्योर होगा. PPF में अच्छा ब्याज मिलता है. इस इंस्ट्रूमेंट में कोई रिस्क नहीं है. इसके अलावा ब्याज पर टैक्स भी नहीं लगता.
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana): इस योजना में सिर्फ बेटियों के लिए निवेश किया जा सकता है. इस योजना में PPF से ज्यादा ब्याज मिलता है. इसके अलावा इसपर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री है. इस खाते का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि ये 21 वर्ष बाद मैच्योर होगा. सुकन्या योजना में एक विकल्प यह है की आप बेटी की 18 वर्ष की आयु के बाद 50 फीसदी तक पैसा निकाल सकते हैं.
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इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund): इक्विटी म्यूचुअल फंड में लॉन्ग टर्म में निवेश से अच्छा रिटर्न मिलने की संभावना बनी रहती है. जानकारों के मुताबिक लॉन्ग टर्म में म्यूचुअल फंड में निवेश से सालाना करीब 12 फीसदी रिटर्न हासिल किया जा सकता है. लॉन्ग टर्म के निवेशकों को SIP के जरिए निवेश की सलाह दी जाती है. मान लीजिए कि आप लंबे समय से Mutual Fund में निवेश कर रहे हैं तो हायर एजुकेशन में एडमिशन से पहले कुछ पैसा निकालकर फिक्स्ड डिपाजिट या डेट म्यूचुअल फंड में ट्रांसफर किया जा सकता है.
यूलिप (ULIP): आप इंश्योरेंस कंपनी से यूलिप प्लान भी खरीद सकते हैं. मार्केट में यूलिप के कई ऑप्शन मौजूद हैं. बस ध्यान देने की जरूरत है कि जानकारी के अभाव में कोई गलत यूलिप में निवेश ना कर दें.
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आखिर में सबसे अहम जानकारी आपके लिए ये हैं कि आप बच्चों की पढ़ाई के लिए तब तक निवेश कर सकते हैं जब तक आप जीवित हैं. इसलिए आपको देखना होगा की आपके ना रहने के बाद भी बच्चों की पढ़ाई के लिए निवेश जारी रहे. इसलिए आपको टर्म इंश्योरेंस प्लान खरीदना सबसे जरूरी है. इससे आपके परिवार को किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए आर्थिक सुरक्षा हासिल हो जाएगी.
HIGHLIGHTS
- PPF, सुकन्या योजना, म्यूचुअल फंड, FD और यूलिप से कर सकते हैं फाइनेंशियल प्लानिंग
- फिक्स्ड डिपाजिट या रेकरिंग डिपाजिट में ब्याज मिलने के साथ आपका पैसा भी बढ़ता रहेगा
- सुकन्या समृद्धि योजना में PPF से ज्यादा ब्याज मिलता है. इसपर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री है