भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल मिलाकर 5,555.48 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी सामने आई है. बैंक की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार इस दौरान धोखाधड़ी के 1,329 मामले सामने आए हैं. SBI ने यह जानकारी एक RTI के जवाब में दी है. यह RTI मध्य प्रदेश के नीमच के रहते वाले चंद्रशेखर गौड़ ने लगाई थी.
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ये है दो तिमाही का रिकॉर्ड
गौड़ ने RTI अर्जी पर SBI की ओर से भेजे गए जवाब के हवाले से बताया कि इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में बैंक में कुल 723.06 करोड़ रुपए की बैंकिंग धोखाधड़ी के 669 मामले सामने आए. वहीं दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में कुल 4832.42 करोड़ रुपए की बैंकिंग धोखाधड़ी से संबंधित 660 मामले सामने आए.
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नुकसान की रकम का आंकलन नहीं
गौड़ ने RTI अर्जी में SBI से यह भी पूछा था कि अप्रैल-सितंबर के दौरान हुए बैंकिंग फ्रॉड से बैंक को कितना वित्तीय नुकसान हुआ. इस पर बैंक ने जवाब दिया कि इस नुकसान की रकम का अभी आकलन नहीं किया जा सका है. गौड़ ने यह भी जानना चाहा था कि आलोच्य अवधि में उसके कितने ग्राहक बैंकिंग धोखाधड़ी के शिकार हुए और इस वजह से उन्हें कितनी रकम गंवानी पड़ी. इस पर बैंक ने कहा कि चूंकि इस तरह की जानकारी बैंक द्वारा सामान्य तौर पर इकट्ठी नहीं की जाती, इसलिए सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत बैंक को इसके खुलासे से छूट प्राप्त है.
Source : PTI