GST On Treatment In Hospital: जीएसटी काउंसिल मीटिंग में हुए फैसले के बाद आज यानि 18 जुलाई से कई वस्तुओं और सेवाओं का खर्च बढ़ चुका है. इसी कड़ी में आज से अस्पताल में इलाज करवाना भी आज से महंगा हो गया है. अस्पताल के नॉन-आईसीयू कमरों ( Non-ICU Rooms) जिनका किराया प्रतिदिन के हिसाब से 5 हजार रुपये है उन पर 5 फीसदी जीएसटी चुकाना होगा. यानि 5000 रुपये के हिसाब से जीएसटी के लिए अतिरिक्त 250 रुपये का भुगतान करना होगा. अस्पताल के नॉन-आईसीयू कमरों ( Non-ICU Rooms)पर जीएसटी लगाने का फैसला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में लिया गया था. काउंसिल की मीटिंग में लिए गए फैसले आज से लागू हो गए हैं.
लोगों की लंबी बीमारी मतलब मोटा खर्चा
अस्पताल के कमरों पर जीएसटी लगने से लंबी बीमारी या लंबे समय तक भर्ती रहने वाले मरीज़ ज्यादा प्रभावित होंगे. क्योंकि प्रतिदिन का एक्स्ट्रा खर्चा जीएसटी के रूप में बढ़ता जाएगा. ऐसे में काउंसिल की मीटिंग के इस फैसले का विरोध भी हो रहा है. हेल्थकेयर इंडस्ट्री और हॉस्पिटल एसोसिएशन फैसले के विरोध में हैं. बता दें अभी तक हेल्थकेयर इंडस्ट्री को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया था.
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सरकार का ईज ऑफ डूइंग बिजनेस भी होगा प्रभावित
दरअसल माना जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के इस फैसले से केंद्र सरकार का ईज ऑफ डूइंग बिजनेस प्रभावित होगा. पहले अस्पताल में इलाज करवाने के खर्च पैकेज में अस्पताल के कमरे का खर्च जुड़ा होता था, वहीं अब अस्पताल के कमरे पर अलग से जीएसटी लगाने का फैसला समझ से बाहर माना जा रहा है. इससे देश में असमंजस की स्थिति का पैदा होना भी माना जा रहा है. फिक्की ( Federation of Indian Chambers of Commerce & Industry ) के प्रेसीडेंट संजीव मेहता ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस संदर्भ में पत्र लिखा है.
HIGHLIGHTS
- 5 फीसदी जीएसटी अतिरिक्त देना होगा
- फैसले से हेल्थकेयर इंडस्ट्री में नाराजगी