हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1 अक्टूबर 2020 से हेल्थ इंश्योरेंस के नियमों में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. नए नियमों के तहत इंश्योरेंस कंपनियों की अब मनमानी नहीं चल सकेगी. इसके अलावा पॉलिसी की बिक्री के बाद अब कंपनियां क्लेम को रिजेक्ट भी नहीं कर सकेंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई बीमारियों के लिए वेटिंग पीरियड भी घट सकता है.
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कंपनियों को क्लेम को रिजेक्ट करना हो जाएगा मुश्किल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए नियमों के तहत अगर किसी पॉलिसीधारक ने लगातार 8 साल तक हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम चुकाया है तो कंपनियां क्लेम को रिजेक्ट करना मुश्किल हो जाएगा. साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस में अधिक से अधिक बीमारियां भी कवर होने की संभावना है. हालांकि अधिक बीमारियों के कवर होने की वजह से प्रीमियम महंगा हो सकता है. उपभोक्ताओं के पास एक कंपनी की सीमा खत्म होने के बाद दूसरी कंपनी से क्लेम करने की सुविधा होगी. कंपनियों को 30 दिन के भीतर दावे को स्वीकार या अस्वीकार करना जरूरी होगा.
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उपभोक्ताओं को ओपीडी कवरेज वाली पॉलिसी में टेलीमेडिसिन का खर्च दिया जाएगा. हेल्थ इंश्योरेंस में अब मानसिक और वंशानुगत बीमारियों के भी शामिल होने की संभावना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रोबोटिक सर्जरी, स्टेम सेल थेरेपी, न्यूरो डिसऑर्डर और ओरल कीमोथैरेपी का भी कवर मिल सकता है.