रिजर्व बैंक (RBI) के इस कदम से और सस्ता हो जाएगा होम (Home) और ऑटो लोन (Auto Loan)

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक (RBI) ने 31 जुलाई तक ऑटो सेक्टर, हाउसिंग और स्मॉल इंडस्ट्रीज को मिलने वाले कर्ज को सीआरआर से मुक्त करने का फैसला किया है.

author-image
Dhirendra Kumar
New Update
रिजर्व बैंक (RBI) के इस कदम से और सस्ता हो जाएगा होम (Home) और ऑटो लोन (Auto Loan)

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank-RBI)( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

रिजर्व बैंक (RBI) ने भले ही रेपो रेट में किसी भी तरह की कटौती नहीं की है लेकिन उसके बावजूद आरबीआई (Reserve Bank) ने कार और मकान की खरीदारी के लिए लोन को सस्ता करने के लिए कदम उठाए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक ने 31 जुलाई तक ऑटो सेक्टर, हाउसिंग और स्मॉल इंडस्ट्रीज को मिलने वाले कर्ज को सीआरआर से मुक्त करने का फैसला किया है. आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंकों के पास अधिक कैश बचेगा जिसकी वजह से बैंक कर्ज को सस्ता कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: Wedding Loan: शादी के लिए युवा लोन का ले रहे हैं सहारा, जानिए क्या है वजह

अधिक कर्ज दे सकेंगे बैंक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ बैंकों का कहना है कि अब बैंकों को RBI के पास CRR रखने की जरूरत नहीं रहने की वजह से कॉस्ट ऑफ फंड में कमी आ सकती है. बता दें कि मौजूदा समय में बैंकों को CRR के तौर पर रिजर्व बैंक के पास नकद यानि नेट डिमांड एंड टाइम लायबिलिटीज (NDTL) के 4 फीसदी के बराबर की रकम रखनी जरूरी है. हालांकि आरबीआई की नई घोषणा के बाद बैंकों को कर्ज बांटने के लिए बढ़ावा मिल सकता है.

यह भी पढ़ें: मोदी सरकार के इस कदम के बाद नहीं खानी पड़ेगी विदेशी दाल, होने जा रहा है यह बड़ा काम

58 साल के निचले स्तर पर पहुंच सकती है बैंकों की लोन ग्रोथ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में बैंकों लोन की ग्रोथ 58 साल के निचले स्तर पर पहुंच सकती है. रिजर्व बैंक को यही सबसे बड़ी चिंता लग रही है. यही वजह है कि RBI ने कर्ज के लिए दिए जाने वाली रकम के बराबर CRR के मेंटिनेंस के लिए NDTL के तौर पर उतनी ही रकम को काटने की इजाजत दी है.

यह भी पढ़ें: Gold Rate Today 10 Feb 2020: सोने और चांदी में आज आ सकती है तेजी, देखें टॉप ट्रेडिंग कॉल्स

क्या होता है सीआरआर
बैंकिंग नियमों के मुताबिक सभी बैंक को कुल नकद जमा यानि कैश रिजर्व का एक निश्चित भाग RBI के पास जमा करना होता है. इसी रकम को कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) या नकद आरक्षित अनुपात कहा जाता है. दरअसल, जमाकर्ताओं द्वारा जरूरत के समय पैसा निकालने के लिए बैंकों के नकारने की स्थिति में CRR जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करता है. वहीं CRR एक ऐसा साधन भी है जिससे रिजर्व बैंक रिवर्स रेपो रेट में बगैर कोई बदलाव किए मार्केट में नगदी की तरलता (लिक्विडिटी) को कम कर सकता है. मार्केट में लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक CRR को घटाता है.

RBI Monetary Policy RBI home loan Reserve Bank CRR Auto Lona Loan News
Advertisment
Advertisment
Advertisment