इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) देरी से भरने पर कितना लगेगा जुर्माना, जानें यहां

आयकरदाता 31 जुलाई के बाद रिटर्न (Return) दाखिल करते हैं तो उसे Late Return माना जाएगा. हालांकि केंद्र सरकार ने 31 जुलाई के बाद भी जुर्माना अदा करने के साथ आयकर रिटर्न दाखिल करने की छूट दे रखी है.

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Dhirendra Kumar
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इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return)

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ITR: वित्तीय वर्ष (Financial year) का इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) 31 जुलाई तक दाखिल (File) करना अनिवार्य है. अगर आयकरदाता 31 जुलाई के बाद रिटर्न (Return) दाखिल करते हैं तो उसे Late Return माना जाएगा. हालांकि केंद्र सरकार ने 31 जुलाई के बाद भी जुर्माना अदा करने के साथ आयकर रिटर्न दाखिल करने की छूट दे रखी है.

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आप 1 अगस्त से लेकर 31 मार्च तक भी जुर्माने के साथ रिटर्न फाइल कर सकते हैं. आज की इस रिपोर्ट में हम जानने की कोशिश करेंगे कि Late Return कब तक फाइल कर सकते हैं और उस पर कितना जुर्माना देना पड़ेगा.

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क्या है लेट रिटर्न - What Is Late Return
वित्तीय वर्ष (Financial year) का रिटर्न 31 जुलाई तक दाखिल (File) करना अनिवार्य है. 31 जुलाई के बाद जब भी आयकर रिटर्न जमा करते हैं तो उसे लेट रिटर्न कहा जाता है. हालांकि सरकार कभी-कभी कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से आयकर रिटर्न की अंतिम तिथि को बढ़ा देती है. ऐसा पिछले कुछ वर्षों में देखने में आया है.

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लेट रिटर्न पर कितना है जुर्माना - Penalty on late filing of ITR
जानकारों का कहना है कि सालाना आमदनी (Annual Income) के मुताबिक लेट रिटर्न (Late Return) पर जुर्माना लगता है. 5 लाख रुपये से कम आय वालों के लिए जुर्माने की रकम अलग है और 5 लाख रुपये से अधिक आय वालों पर जुर्माना अलग होगा.

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5 लाख से कम आय वालों के लिए जुर्माना

  • 1 अगस्त से 31 दिसंबर के बीच रिटर्न भरने पर 1 हजार रुपये जुर्माना
  • 1 जनवरी से 31 मार्च तक रिटर्न भरनेपर 1 हजार रुपये जुर्माना

5 लाख से ज्यादा आमदनी वालों के जुर्माना

  • 1 अगस्त से 31 दिसंबर के बीच रिटर्न भरने पर 5 हजार रुपये जुर्माना
  • 1 जनवरी से 31 मार्च तक रिटर्न भरने पर 10 हजार रुपये जुर्माना

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जुर्माने के साथ टैक्स का ब्याज भी चुकाना होगा
आयकर दाताओं को आयकर रिटर्न (Income Tax Return) भरने के लिए के लिए पूरा टैक्स चुकाना अनिवार्य है. बता दें कि लेट रिटर्न के मामले में यह नियम लागू होता है. आयकर की धारा 234A के मुताबिक देरी से भरे गए आयकर के साथ 1 फीसदी प्रति माह के हिसाब से ब्याज भी चुकाना पड़ता है. बकाया टैक्स पर ब्याज की गणना 31 जुलाई के बाद यानि कि 1 अगस्त से शुरू होती है. रिटर्न की तारीख बढ़ने की स्थिति में नई अंतिम तारीख के बाद ब्याज की गणना होगी.

HIGHLIGHTS

  • वित्तीय वर्ष (Financial year) का रिटर्न 31 जुलाई तक दाखिल (File) करना अनिवार्य
  • 31 जुलाई के बाद आयकर रिटर्न जमा करने पर उसे लेट रिटर्न (Late Return) माना जाएगा
  • 5 लाख से कम आय वालों के लिए 1 अगस्त से 31 दिसंबर के बीच रिटर्न भरने पर 1 हजार जुर्माना
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