धनतेरस (Dhanteras) और झाड़ू का कनेक्शन है. जो लोग अमीर बनना चाहते हैं उनको इस बात की जानकारी होनी चाहिए. मान्यता है कि धनतेरस (Dhanteras) पर नई झाड़ु लाकर उसकी पूजा करनी चाहिए. इसके अलावा अगर आपका कोई नजदीकी गरीब है तो उसे नई झाड़ू खरीदकर दें. ऐसा करने करने मां लक्ष्मी प्रसन्न होत हैं और आपके साथ साथ आपके नजदीकी पर कृपा भी बरसाती हैं.
इसके अलावा मान्यता है कि आप धनतेरस (Dhanteras) पर अगर किसी जरूरतमंद को नारियल और मिठाई का दान करते हैं तो आपके भंडार पूरे भरे रहते हैं. ऐसा करने से तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है.
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धनतेरस (Dhanteras) पर शुभ फल प्राप्ति के लिए एक और उपाए किया जा सकता है. मान्यता है कि धनतेरस (Dhanteras) पर सोना या चांदी को खरीदना शुभ होता है, लेकिन उससे भी ज्यादा शुभ होता है कि इसी दिन आप लोहे की कोई वस्तु खरीदे और उसे दान कर दें. इससे आपका दुर्भाग्य चला जाएगा और अच्छा समय शुरू हो जाएगा.
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धनतेरस (Dhanteras) दीपावली (Deepawali) के दो दिन पहले होने वाला पर्व है. इसे कहीं कहीं धनत्रयोदशी (Dhantrayodashi) या धन्वंतरि त्रियोदशी (Dhanwantari Triodasi) या धन्वंतरि जयंती (Dhanvantri Jayanti) भी कहा जाता है. इस दिन पूजा पाठ करने से माता लक्ष्मी (Maa Laxmi) और भगवान कुबेर (Kuber) प्रसन्न होते हैं.
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धनतेरस (Dhanteras) की तिथि और शुभ मुहूर्त (Dhanteras auspicious time)
-त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 05 नवंबर 2018 को सुबह 01 बजकर 24 मिनट से
-त्रयोदशी तिथि समाप्त: 05 नवंबर 2018 को रात 11 बजकर 46 मिनट तक
-धनतेरस पूजा मुहूर्त: 05 नवंबर 2018 को शाम 06 बजकर 20 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक. कुल अवधि: 01 घंटे 57 मिनट
- प्रदोष काल: 05 नवंबर 2018 को शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 17 मिनट तक.
-वृषभ काल: 05 नवंबर 2018 को शाम 06 बजकर 20 मिनट से रात 08 बजकर 18 मिनट तक.
Source : Vinay Kumar Mishra