आयकर विभाग (Income Tax Department) ने टीडीएस फॉर्म (TDS Form) को व्यापक बनाने के लिये इसमें कुछ बदलाव किये हैं. इनमें कर की कटौती नहीं करने के कारणों की जानकारी देने को अनिवार्य बनाना भी शामिल है. बैंकों को नये फॉर्म में एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी निकासी पर ‘स्रोत पर की गयीकर की कटौती’ (टीडीएस) की जानकारी भी देनी होगी. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक अधिसूचना के माध्यम से ई-वाणिज्य ऑपरेटरों, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) और कारोबार न्यासों के द्वारा लाभांश वितरण, नकदी निकासी, पेशेवर शुल्क और ब्याज पर टीडीएस लगाने के लिये आयकर नियमों को संशोधित किया है.
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फॉर्म 26 क्यू और 27 क्यू के प्रारूप को संशोधित किया
नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के पार्टनर शैलेश कुमार ने कहा कि सरकार ने इस अधिसूचना के साथ फॉर्म 26 क्यू और 27 क्यू के प्रारूप को संशोधित किया है. फॉर्म 26 क्यू का उपयोग भारत में सरकार या कंपनियों द्वारा कर्मचारियों (भारतीय नागरिक) को वेतन के अलावा किये गये किसी भी अन्य भुगतान पर टीडीएस कटौती का तिमाही के आधार पर जानकारी देने में होता है. इसी तरह फॉर्म 27 क्यू का उपयोग अनिवासी भारतीयों को वेतन के अलावा किसी अन्य भुगतान पर टीडीएस कटौती और उसे जमा कराए जाने की जानकारी देने में होता है.
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कुमार ने कहा कि नये फॉर्म अधिक व्यापक हैं और भुगतान करने वालों को न केवल उन मामलों की सूचना देने की आवश्यकता होगी, जिनमें टीडीएस काटा जाता है, बल्कि जिन मामलों में टीडीएस नहीं काटा गया है, अब उनकी भी सूचना देनी होगी. सरकार ने नकदी में लेन-देन को हतोत्साहित करने के लिये 2019-20 के बजट एक वित्तीय वर्ष में एक बैंक खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर दो प्रतिशत का टीडीएस लगाया था.