आयकर विभाग (Income Tax Department) ने टैक्स चोरों पर लगाम के लिए कठोर कदम उठाया है. आईटी डिपार्टमेंट के संशोधित गाइडलाइन के मुताबिक कालेधन और बेनामी कानून के अंतर्गत किए गए अपराधों को अब गंभीर अपराध की श्रेणी में माना जाएगा. नई गाइडलाइन के तहत टैक्स चोरी के अपराध पर अब सिर्फ टैक्स जुर्माना और ब्याज आदि चुकाने से मामला हल नहीं माना जाएगा. बता दें कि आयकर विभाग की नई गाइडलाइन आज यानि 17 जून 2019 से लागू हो गया है.
यह भी पढ़ें: बजट के बाद आ सकती है प्रत्यक्ष कर (Direct Tax) पर टास्क फोर्स की रिपोर्ट
CBDT ने वरिष्ठ अधिकारियों को दिया निर्देश
संशोधित गाइडलाइन के मुताबिक 13 तरह के मामलों को गंभीर अपराध की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया है कि टैक्स चोरी से जुड़े मामलों को अब संशोधित गाइडलाइन के अनुसार निपटारा किया जाए.
यह भी पढ़ें: Income Tax Return (ITR): 31 जुलाई तक फाइल कर दें रिटर्न, नहीं तो भरना पड़ सकता है भारी जुर्माना
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक आयकर की धारा 115-0 या चैप्टर XVII-B के अंतर्गत टैक्स नहीं चुकाने पर इसे A कैटेगरी के अपराध की श्रेणी में रखा गया है. मान लीजिए कि किसी कंपनी या व्यक्ति ने टैक्स का संग्रह किया लेकिन उसे इनकम टैक्स को अदा नहीं किया तो उसे भी इसी कैटेगरी में माना जाएगा.
यह भी पढ़ें: टीडीएस (TDS) कट गया है, तो परेशान ना हों, चेक करने के लिए ये है पूरा प्रोसेस
कैटेगरी B में आएंगे विल्फुल डिफॉल्टर
विल्फुल डिफॉल्टर जिन्होंने टैक्स चोरी की है उन्हें कैटेगरी B में रखा गया है. इसके तहत जरूरी दस्तावेज और अकाउंट्स का ब्यौरा नहीं देने वालों को इस कैटेगरी में रखा जाएगा. नई गाइडलाइन के अनुसार आयकर की धारा 275 A, 275B और 276 के तहत किए गए अपराध को गंभीर श्रेणी में नहीं रखा गया है. नए गाइडलाइन ने 2014 की गाइडलाइन की जगह ले ली है.