केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने बजट में नए टैक्स सिस्टम (New Tax System) का ऐलान किया था. आज (बुधवार) यानि 1 अप्रैल से नया टैक्स सिस्टम लागू हो चुका है. नए टैक्स सिस्टम की खासियत है कि कोई भी करदाता पुराने टैक्स सिस्टम से नए टैक्स सिस्टम को अपना सकता है. हालांकि सरकार की ओर से टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को यह सुविधा वैकल्पिक रूप से मिली है. आज यानि बुधवार (1 अप्रैल) से आयकर (Income Tax) से जुड़े कुछ अन्य नियमों में भी बदलाव हो गया है. जानिए कौन-कौन से नियमों में बदलाव हुआ है.
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इनकम टैक्स से जुड़े इन नियमों में हुआ बदलाव
टैक्स स्लैब में बदलाव लागू
वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आयकर दाताओं को बड़ी राहत देने की घोषणा की थी. बजट में इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव करने का ऐलान किया गया था. नए टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.50 लाख रुपये तक कोई भी टैक्स नहीं देना होगा. 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी, 5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये पर 10 फीसदी, 7.5 लाख से 10 लाख तक के आय पर 15 फीसदी, 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपये आय पर 20 फीसदी, 12.50 लाख रुपये से 15 लाख रुपये की इनकम पर 25 फीसदी और 15 लाख रुपये से ऊपर के आय वालों के ऊपर 30 फीसदी का टैक्स लगेगा.
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डिविडेंट डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स
बजट (Union Budget 2020-21) में कंपनियों और म्यूचुअल फंड से वसूले जाने वाले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (Dividend Distribution Tax-DDT) को खत्म करने की घोषणा की गई थी. वहीं अब डिविडेंड पाने वालों का यह टैक्स देना पड़ेगा. आज से यह नियम लागू हो गया है.
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EPF, NPS में निवेश भी होगा टैक्सेबल
NPS, सुपरएनुएशन फंड और EPF में एम्पलॉयर कंट्रीब्यूशन साल में 7.5 लाख रुपये से अधिक होने पर टैक्स का भुगतान करना होगा. नए और पुराने दोनों ही टैक्स सिस्टम में इस टैक्स को देना होगा.
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हाउसिंग लोन के ब्याज के ऊपर टैक्स बेनिफिट की समयसीमा बढ़ी
मोदी सरकार ने हाउसिंग लोन के ब्याज के ऊपर टैक्स बेनिफिट की समयसीमा को बढ़ा दिया है. 31 मार्च 2021 तक इसका फायदा उठाया जा सकता है. बता दें कि होम लोन के ब्याज के ऊपर 3.5 लाख रुपये तक इनकम टैक्स में छूट मिलती है.