Budget 2020: आने वाले मार्च 2020 में कंपनियों की ओर से अंतरिम लाभांश (Dividend) की झड़ी लग सकती है. दरअसल, प्रमोटर होल्डिंग वाली कंपनियों की ओर से यह कदम उठाया जा सकता है. बजट में दिए गए प्रस्ताव के अनुसार डिविडेंड पाने वालों को उनके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स अदा करना पड़ेगा. बता दें कि बजट (Union Budget 2020-21) में कंपनियों से वसूले जाने वाले डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (Dividend Distribution Tax-DDT) को खत्म करने की घोषणा की है.
यह भी पढ़ें: खुशखबरी! बजट के बाद आज सोना 350 रुपये और चांदी 750 रुपये हो गई सस्ती, फटाफट चेक करें नए रेट
गौरतलब है कि कंपनियों में प्रमोटर हिस्सेदारी या तो अपने पास रखते हैं या फिर किसी ट्रस्ट आदि के जरिए प्रबंधन करते हैं. ऐसे लोगों के ऊपर एक अप्रैल से मिलने वाले डिविडेंड पर 43 फीसदी तक टैक्स देना पड़ सकता है.
अधिक प्रमोटर होल्डिंग कंपनियों की ओर से आ सकती है डिविडेंड की बाढ़
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एसोसिएशन ऑफ नेशन एक्सचेंजेज ऑफ मेंबर्स ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट विजय भूषण का कहना है कि जिन कंपनियों में प्रमोटर्स की होल्डिंग ज्यादा है उन कंपनियों की ओर से मार्च में डिविडेंड की देने की झड़ी लग सकती है. बता दें कि वित्त वर्ष 2019 में रिलायंस इंडस्ट्रीज की ओर से मुकेश अंबानी और उनकी निजी कंपनियों को करीब 1,800 करोड़ रुपये डिविडेंड दिया गया था. वहीं पिछले साल ही वेदांता की ओर से उसके प्रमोटर अनिल अग्रवाल और उनकी होल्डिंग वाली कंपनियों को 3,500 करोड़ रुपये डिविडेंड दिए गए थे.
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटने से कई कंपनियों को होगा फायदा
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) कंपनियां हटने की वजह से मल्टी नेशनल कंपनियां और अन्य कई बड़ी निजी कंपनियों को फायदा होने की संभावना है. बता दें कि अभी तक कंपनियों को अपने शेयरधारकों को डिविडेंड देने से पहले 15 फीसदी का डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स देना पड़ता है, लेकिन अब इसमें कंपनियों को राहत मिल गई है. 10 लाख रुपये तक के डिविडेंड पर निवेशकों को टैक्स से छूट मिलता है. यानी निवेशक को इस पर टैक्स नहीं देना पड़ता है. हालांकि डिविडेंड पाने वालों को अब उनके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ सकता है जिसकी दर 43 फीसदी तक पहुंच सकती है. मौजूदा समय में 10 लाख रुपये से ज्यादा के डिविडेंड के ऊपर 10 फीसदी टैक्स देना पड़ता है.
यह भी पढ़ें: सरकार PPF, NSC और सुकन्या समृद्धि समेत छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में कर सकती है बदलाव
अब तक क्या थे नियम
मौजूदा नियम के तहत निवेशकों को मिलने वाला डिविडेंड टैक्स से मुक्त होता है. हालांकि निवेशकों को डेट फंड के लिए 25 फीसदी की दर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (29.12 फीसदी सरचार्ज और सेस) अदा करना पड़ता है. वहीं इक्विटी फंड के लिए DDT 10 फीसदी (11.64 फीसदी सरचार्ज और सेस) है.