भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (Insurance Regulatory and Development Authority-IRDA) ने बीमा कंपनियों (Insurance Companies) के ऐसे विज्ञापनों पर रोक लगाने का प्रस्ताव किया है जो उनके मौजूदा प्रदर्शन की स्थिति के लिहाज से कुछ अधिक का दावा करते हैं. नियामक ने भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (बीमा विज्ञापन एवं खुलासा) नियमन, 2020 के मसौदे में कहा है कि अनुचित और गुमराह करने वाले विज्ञापनों में वे विज्ञापन आएंगे जो स्पष्ट तौर पर किसी उत्पाद की पहचान बीमा के रूप में करने में विफल रहेंगे.
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नए विज्ञापन नियमन लाने की तैयारी में इरडा
इसके अलावा इसमें वे उत्पाद भी आएंगे जिनमें लाभ पॉलिसी के प्रावधानों से मेल नहीं खाएंगे. इरडा नए विज्ञापन नियमन लाने की तैयारी कर रहा है. उसने मसौदे पर अंशधारकों से 10 नवंबर तक टिप्पणियां मांगी हैं. इरडा ने कहा कि प्रस्तावित नियमनों का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि बीमा कंपनियां और बीमा मध्यवर्ती इकाइयां विज्ञापन जारी करते समय ईमानदार और पारदर्शी नीतियां अपनाएं और ऐसे व्यवहार से बचें जिनसे आम जनता के भरोसे को चोट पहुंचती हो. इस नियमन का एक और उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रचार सामग्री तार्किक, उचित तथा आसान भाषा में हो. लोग इनसे सही जानकारी प्राप्त करें और निर्णय कर सकें.
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मसौदे में कहा गया है कि अनुबंध की शर्तों का सही तरीके से खुलासा करने में विफल विज्ञापनों को भी भ्रामक माना जाएगा. बीमा कंपनी के मौजूदा प्रदर्शन के लिहाज से वास्तविकता से हटकर दावे करने वाले विज्ञापनों को भी भ्रामक की श्रेणी में रखा जाएगा.