Investment: लिक्विड फंड (Liquid Fund) डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) है. लिक्विड फंड का पैसा Government Bonds, Company Bonds, Corporate Fixed Deposits और Bank Deposits में निवेश किया जाता है. लिक्विड फंड में 91 दिन तक मेच्योरिटी पीरियड यानि शॉर्ट टर्म के लिए भी निवेश किया जा सकता है. लिक्विड फंड में निवेश से जोखिम की संभावना कम रहती है. लिक्विड फंड को कैश फंड (Cash Fund) भी कहते हैं.
यह भी पढ़ें: Debt Mutual Fund: इनवेस्टमेंट का सबसे सुरक्षित तरीका, क्या है खासियत जानें
कैसे कर सकते हैं लिक्विड फंड (Liquid Fund) का उपयोग - How can use Liquid Fund
मान लीजिए आपके पास कहीं से अचानक पैसा आ गया. अब आप सोच रहे हैं कि इस पैसे को कहां निवेश करें कि जरूरत पड़ने पर उस फंड का इस्तेमाल किया जा सके. यह पैसा बोनस के रूप में हो सकता है. संपत्ति की बिक्री से मिला कैश या ऐसे ही अन्य माध्यमों से मिली राशि हो सकती है.
यह भी पढ़ें: म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) इनवेस्टमेंट को आधार कार्ड से कैसे करें लिंक, जानें तरीका
लिक्विड फंड में कैसे करें निवेश - How to invest in liquid funds
लिक्विड फंड दूसरे डेट फंड से नेट एसेट वैल्यू के लिहाज से अलग होते हैं. दिन में दो बजे तक किए गए निवेश के मामले में पिछले दिन के NAV पर यूनिट्स अलॉट की जाती है. लिक्विड फंड एक मात्र फंड है जिसमें पिछले दिन की एनएवी (NAV) का इस्तेमाल किया जाता है. किसी खास ट्रांजेक्शन डे को दोपहर तीन बजे तक रिडेम्पशन के मामले में यूनिट्स उसी दिन की NAV पर रिडीम कर दी जाती है. रकम को अगले दिन बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
यह भी पढ़ें: Investment Funda: कैसे चुनें म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश के ऑप्शन
लिक्विड फंड में रिटर्न कम, लेकिन बचत खाते से ज्यादा
लिक्विड फंड में फंड हाउस कोई एंट्री या एग्जिट लोड (Exit Load) नहीं लेता है. जानकारों के मुताबिक लिक्विड फंड में औसतन 7 फीसदी का रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. उनका कहना है कि लिक्विड फंड का यह रिटर्न अधिकतर बैंकों के बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज से ज्यादा है.
यह भी पढ़ें: Investment Mantra: 5 साल में इस Mutual Fund ने निवेशकों को दिया मोटा मुनाफा
(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूज स्टेट की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का न्यूज स्टेट से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)
Source : Dhirendra Kumar