मेटा ने मंगलवार को घोषणा की है कि वह उद्योग निकाय फिक्की को एक्सआर ओपन सोर्स (एक्सआरओएस) फेलोशिप प्रोग्राम के लिए 1 मिलियन डॉलर की मदद दे रहा है, जो मेटावर्स के भविष्य के लिए एक्सआर (एक्सटेंडिड रियलिटी) प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहे 100 भारतीय डेवलपर्स की मदद करेगा. फिक्की द्वारा संचालित, एक्सआरओएस प्रोग्राम डेवलपर्स फेलोशिप प्रदान करेगा जिसमें वेतन और सलाह शामिल है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) की एक पहल, राष्ट्रीय ई-गवर्नेस डिवीजन, कार्यक्रम का तकनीकी भागीदार होगा.
मेटा में ग्लोबल अफेयर्स के प्रेसिडेंट, निक क्लेग ने कहा, मेटावर्स अकेले एक कंपनी द्वारा नहीं बनाया जाएगा. एक्सआर ओपन सोर्स जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से हम इन रोमांचक प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहे भारतीय डेवलपर्स का समर्थन करेंगे. यह कार्यक्रम भारत-विशिष्ट समाधानों की नींव रखेगा जो किफायती, उपयुक्त और क्षेत्रीय भाषाओं के लिए स्थानीय हैं.
एक्सआर ओपन सोर्स प्रोग्राम भारत में दूसरा प्रोग्राम है, जिसके माध्यम से मेटा का उद्देश्य इमर्सिव टेक्नोलॉजी के आसपास डेवलपर इकोसिस्टम को बढ़ावा देना है और मेटावर्स के निर्माण के लिए ओपन इकोसिस्टम को आगे बढ़ाना है.
मेटा ने पहले नो लैंग्वेज लेफ्ट बिहाइंड (एनएलएलबी) जैसी विभिन्न ओपन सोर्स पहलों का समर्थन किया और लॉन्च किया है, जो एक एकल बहुभाषी एआई मॉडल है जो 25 भारतीय भाषाओं सहित 200 कम संसाधन वाली भाषाओं का समर्थन करता है.
एक्सआरओएस प्रोग्राम मेटा के ग्लोबल एक्सआर प्रोग्राम्स एंड रिसर्च फंड का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी ने इस साल की शुरुआत में माइटी स्टार्टअप हब के साथ एक्सआर स्टार्टअप प्रोग्राम के लिए 2 मिलियन डॉलर के फंड की घोषणा की थी.
पिछले साल, मेटा ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के साथ अगले तीन वर्षो में 10 मिलियन से अधिक छात्रों और 1 मिलियन शिक्षकों के लिए नई तकनीकों को लाने के लिए भागीदारी की.
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Source : IANS