केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) जैसी छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में कटौती कर सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार सितंबर अंत तक ब्याज घटाने का फैसला ले सकती है. बता दें कि छोटी बचत योजनाओं में निवेशकों को ज्यादा ब्याज मिल रहा है. यही वजह है कि बैंकों को भी ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ज्यादा ब्याज ऑफर करना पड़ रहा है.
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RBI का नए फ्लोटिंग रेट वाले लोन को रेपो रेट से जोड़ने का निर्देश
रिजर्ब बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank-RBI) ने सभी बैंकों को होम लोन (Home Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) और एमएसएमई सेक्टर (MSME Sector) को सभी नए फ्लोटिंग रेट वाले लोन को रेपो दर सहित बाहरी मानकों से जोड़ने का निर्देश दिया है. इससे नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का लाभ कर्ज लेने वाले उपभोक्ताओं तक जल्दी मिलने की उम्मीद है. रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के मुताबिक ऐसा देखने को मिला है कि मौजूदा कोष की सीमांत लागत आधारित ऋण दर (MCLR) व्यवस्था में नीतिगत दरों में बदलाव को बैंकों की ऋण दरों तक पहुंचाना कई कारणों से संतोषजनक नहीं है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) पीके गुप्ता ने कहा है कि ब्याज दरों में कमी के बीच डिपॉजिट रेट को रेपो रेट से जोड़ना उचित नहीं होगा. उनका कहना है कि फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) के कस्टमर छोटी बचत स्कीम की ओर रुख कर सकते हैं. उनका कहना है कि बैंक जल्द ही इस मामले को केंद्र सरकार के सामने उठाएंगे.