मोदी सरकार नौकरीपेशा लोगों को दे सकती है बड़ी खुशखबरी, ग्रेच्युटी के नियमों में हो सकता है बदलाव

केंद्र सरकार अगर ग्रेच्युटी के नियमों में बदलाव का फैसला लेती है तो पहले की तुलना में ज्यादा से ज्यादा लोग Gratuity का पैसा निकाल सकेंगे.

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Dhirendra Kumar
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employee company ( Photo Credit : फाइल फोटो)

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केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी की घोषणा कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ग्रेच्युटी (Gratuity) के नियमों में बदलाव की तैयारी कर रही है. इसके तहत ग्रेच्युटी की 5 साल की समयसीमा की बाध्यता को खत्म किया जा सकता है. इसके अलावा सरकार ग्रेच्युटी (Gratuity New Rule) की समयसीमा को 1 साल से 3 साल के बीच करने का ऐलान भी कर सकती है.

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इन वजहों से फैसला ले सकती है सरकार
केंद्र सरकार अगर यह फैसला लेती है तो पहले की तुलना में ज्यादा से ज्यादा लोग Gratuity का पैसा निकाल सकेंगे. दरअसल, ग्रेच्युटी पाने के लिए कर्मचारी का उस कंपनी में 5 साल तक काम करना जरूरी है और 5 साल की नौकरी के बाद कर्मचारी ग्रेच्युटी के लिए हकदार होता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार द्वारा ग्रेच्युटी में बदलाव करने के पीछे दो प्रमुख वजहें बताई जा रही हैं. पहला यह कि मौजूदा समय में नौकरी की सुरक्षा काफी कम हो गई है और कोरोना वायरस महामारी ने असुरक्षा को बढ़ाने में काफी अहम रोल निभाया है. वहीं दूसरी एक और प्रमुख वजह है कि ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या में भी भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है जिसकी वजह से भी ग्रेच्युटी का फायदा कम मिल पा रहा है और कंपनियां सारा फायदा उठा ले रही हैं.

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ग्रेच्युटी (Gratuity) क्या है - What is Gratuity
एक निश्चित समय तक नौकरी करने के बाद नौकरी छोड़ने पर मिलने वाली तयशुदा रकम को ग्रेच्युटी कहते हैं. इसके अलावा इसका एक और मतलब भी है जैसे की बेहतरीन सेवा के लिए मिलने वाली रकम को ग्रेच्युटी कहा जाता है. हालांकि सामान्य कामकाज में पहले वाले ही अर्थ (Meaning of Gratuity) को उपयुक्त माना जाता है. सीधा मतलब यह है कि नौकरी छोड़ने के बाद मिलने वाली एकमुश्त रकम Gratuity है. यहां ध्यान देने वाली बात है कि ग्रेच्युटी कर्मचारी को हरहाल में फिर उसने चाहे नौकरी छोड़ी हो या रिटायरमेंट लिया हुआ हो, मिलती है. चूंकि फॉर्मुला पहले से तय होता है इसलिए इसे Defined Benefit Plan भी कहा जाता है. कोई भी व्यक्ति अपनी ग्रेच्युटी की रकम को पहले ही पता कर सकता है. बता दें कि ग्रेच्युटी की रकम नौकरी की अवधि (Tenure Of Service) और अंतिम प्राप्त वेतन (Last Drawn Salary) के ऊपर निर्भर रहती है.

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ग्रेच्युटी मिलने के नियम

  • जिस कंपनी में 10 या उससे अधिक कर्मचारी काम करते हैं उस कंपनी के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी की सुविधा
  • हालांकि ग्रेच्युटी पाने के लिए कर्मचारी का उस कंपनी में 5 साल तक काम करना जरूरी है
  • 5 साल की नौकरी के बाद कर्मचारी ग्रेच्युटी के लिए हकदार होगा
  • 5 साल की नौकरी के दौरान कोई भी अंतराल (Break) नहीं होना चाहिए
  • कंपनी से हटने के बाद ही कर्मचारी को ग्रेच्युटी मिलेगी
  • नौकरी के 4 साल 7 महीने पूरे होने पर भी ग्रेच्युटी मिलेगी
  • मौत या अपंगता की स्थिति में 5 साल से कम नौकरी पर भी ग्रेच्युटी नॉमिनी को मिलेगी
  • कंपनी निर्धारित फॉर्मुले से अधिक ग्रेच्युटी कर्मचारी को दे सकता है
  • फॉर्मुले से अतिरिक्त ग्रेच्युटी की रकम करयोग आय (Taxable Income) माना जाएगा
  • हालांकि फॉर्मुले के अंदर आ रही रकम पूरी तरह से टैक्स फ्री होगी
  • टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देनदारी बनने पर टैक्स चुकाना होगा

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क्या है ग्रेच्युटी निकालने का फॅार्मूला
बता दें कि ग्रेच्युटी निकालने के लिए एक तय फॅार्मूला (Formula) है. इस फॅार्मूले के तहत नौकरी के हर 1 वर्ष के लिए 15 दिन की सैलरी के बराबर ग्रेच्युटी बनती है. बता दें कि 1 महीने में 26 दिन ही कार्यदिवस के रूप में माने जाते हैं. ऐसे में कर्मचारियों को 1 माह की सैलरी का 5/26 वां हिस्सा ग्रेच्युटी के रूप में मिलता है. कर्मचारी द्वारा अंतिम बार निकाली गई सैलरी को ग्रेच्युटी की गणना में शामिल किया जाता है. कर्मचारियों को हर साल के लिए मासिक सैलरी का 57.69 फीसदी ग्रेच्युटी के रूप में मिलता है. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि मंथली सैलरी से आशय अंतिम प्राप्त सैलरी से है. उसमें Basic+DA+commission शामिल होता है.

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