केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने नौकरीपेशा लोगों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने भविष्य निधि कोष (Provident Fund-PF) में टैक्स फ्री अंशदान की सालाना सीमा को ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. हालांकि यह छूट सिर्फ ऐसे मामलों में दी जाएगी, जिसमें सिर्फ कर्मचारियों द्वारा ही योगदान किया जाएगा. वहीं जिन पीएफ अकाउंट में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के द्वारा योगदान दिया जाता है, उनमें कर मुक्त अंशदान की सालाना ढाई-ढाई लाख रुपये की सीमा लागू रहेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस साल 1 फरवरी 2021 को पेश किए गए बजट में वित्त वर्ष 2021-22 से पीएफ अकाउंट में सालाना ढाई लाख रुपये से अधिक योगदान पर टैक्स लगाने का ऐलान किया था.
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वित्त मंत्री की इस घोषणा में नियोक्ता या फिर कंपनी की ओर से किए जाने वाले कंट्रीब्यूशन को शामिल नहीं किया गया था. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि प्रॉविडेंट फंड के ऊपर मिलने वाले ब्याज पर लगाए गए टैक्स प्रस्ताव से सिर्फ एक फीसदी पीएफ खाताधारकों पर असर पड़ेगा. उनका कहना था कि 99 फीसदी पीएफ अकाउंट होल्डर्स का सालाना अंशदान ढाई लाख रुपये से कम है. मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त विधेयक 2021 पर लोकसभा में हुए चर्चा का उत्तर देते हुए भविष्य निधि में टैक्स फ्री अंशदान की सालाना सीमा को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का ऐलान किया था.
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लोकसभा में पारित वित्त विधेयक 2021 में यह संशोधन किए
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने लोकसभा में पारित वित्त विधेयक 2021 में यह संशोधन किए हैं. बता दें कि सरकार की ओर उठाए गए इस कदम का फायदा वॉलिंटियरी प्रोविडेंट फंड यानि वीपीएफ और पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानि पीपीएफ में निवेश करने वाले लोगों को मिलेगा.
HIGHLIGHTS
- सरकार के द्वारा यह छूट सिर्फ ऐसे मामलों में दी जाएगी, जिसमें सिर्फ कर्मचारियों द्वारा ही योगदान किया जाएगा
- PF पर मिलने वाले ब्याज पर लगाए गए टैक्स प्रस्ताव से सिर्फ एक फीसदी पीएफ खाताधारकों पर असर पड़ेगा: वित्त मंत्री