मोदी सरकार (Modi Sarkar) के बाद अब दिल्ली सरकार (Delhi Govt) ने भी अपने करीब 2.2 लाख कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि पर जुलाई 2021 तक रोक लगा दी है. जनवरी 2020 से कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (Dearness Allowence) और पेंशनभोगियों (Pensioners) की महंगाई राहत लंबित थी. इससे पहले मोदी सरकार भी इस तरह का फैसला ले चुकी है. दिल्ली वित्त विभाग ने केंद्र सरकार के इस तरह के आदेश का समर्थन करते हुए इस संबंध में आदेश जारी किया.
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एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने डीए और डीआर के मुद्दे पर केंद्र सरकार के आदेश का समर्थन किया है और दिल्ली सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर भी यह लागू होगा. वित्तीय घाटे को रिकवर करने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए दिल्ली सरकार ने अपने सभी विभागों को खर्च में कटौती करने का आदेश दिया है. 4 मई को दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने सरकार के सभी विभागों, निगमों को एक आदेश जारी कर सभी प्रस्तावों को अस्थायी तौर पर निलंबित रखने के लिए कहा है. आदेश के मुताबिक, 30 जून तक एप्रूवल के लिए वित्त विभाग को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा जाएगा, जब तक कि कोई ऐसी 'गतिविधि या काम' न हो, जिसे स्थगित नहीं किया जा सकता है.
इससे पहले 23 अप्रैल को मोदी सरकार (Modi Sarkar) ने कोरोना वायरस (Coronavirus) की त्रासदी के बीच बड़ा फैसला लेते हुए एक जुलाई 2021 तक केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले डीए पर रोक लगा दी थी. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने एक आदेश जारी कर कहा था कि कोरोना वायरस की त्रासदी के चलते 1 जनवरी, 2020 के बाद से केंद्रीय कर्मचारी या पेंशनधारी को मिलने वाली डीए की राशि नहीं दी जाएगी. 1 जुलाई 2020 से जो एडिशनल डीए मिलना था, वो भी नहीं दिया जाएगा. डीए आगे कब दिया जायेगा, यह 1 जुलाई 2021 को साफ होगा.
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आमतौर पर इस तरह के मामलों में राज्य सरकारें केंद्र सरकार का अनुसरण करतीं हैं. यदि राज्य सरकारें भी इस अवधि के दौरान कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते और पेंशनभागियों की महंगाई राहत की तीन किस्तों का भुगतान नहीं करती हैं तो उन्हें भी 82,566 करोड़ रुपये तक की बचत होगी. कुल मिलाकर केंद्र और राज्यों के स्तर पर इससे 1.20 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी, जिससे कोविड-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में मदद मिलेगी.
Source : News Nation Bureau