म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) रिटर्न के मामले पर काफी उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे हैं. डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund) में जहां निवेशकों को कम रिटर्न मिल रहा है. वहीं दूसरी ओर NPS के डेट फंड में निवेश करने वालों की चांदी ही चांदी है.
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बॉन्ड यील्ड बढ़ने से मिला मुनाफा
निवेशकों को बॉन्ड यील्ड बढ़ने से NPS गिल्ट और कॉर्पोरेट डेट फंड से जबर्दस्त मुनाफा हुआ है. अगर टियल 1 गिल्ट फंड की बात करें तो LIC पेंशन फंड ने सबसे शानदार प्रदर्शन किया है. पिछले 1 साल में इस फंड में 20 फीसदी का उछाल देखने को मिला है. गिल्ट फंड ने इस दौरान 15 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. वहीं कॉर्पोरेट डेट फंड (Corporate Debt Fund) ने 1 साल में 12 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. बिड़ला सन लाइफ पेंशन स्कीम ने इस कैटेगरी में सबसे ज्यादा 12.97 फीसदी का रिटर्न दिया है.
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गौरतलब है कि नोटबंद के बाद 2017 के शुरू में बॉन्ड यील्ड 7 फीसदी के कम हो गई थी. हालांकि पिछले साल जून-जुलाई के दौरान बॉन्ड यील्ड 8 फीसदी के स्तर तक पहुंच गई थी. जनवरी 2017 से जून 2018 के दौरान अगर NPS के गिल्ट फंड के औसत रिटर्न को देखें तो यह करीब मात्र 1 फीसदी ही दर्ज की गई थी. वहीं इस अवधि में कॉर्पोरेट डेट फंड का रिटर्न भी मुश्किल से 3 फीसदी के करीब पहुंच पाया था. बता दें कि बॉन्ड यील्ड कम होने पर बॉन्ड से जुड़े डेट फंड में ज्यादा रिटर्न की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
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बॉन्ड यील्ड कम होने पर घट सकती है PPF की ब्याज दर
पिछले 1 साल में रिटर्न के मामले में NPS बेहतर साबित हुआ है, लेकिन बॉन्ड यील्ड में गिरावट से PPF में निवेश करने वालों को झटका लग सकता है. दरअसल, PPF की ब्याज दर 10 साल के सरकारी बॉन्ड की यील्ड से जुड़ी हुई है. ऐसे में बॉन्ड यील्ड कम होने पर PPF की ब्याज दरों में कटौती की आशंका बढ़ जाती है. बता दें कि वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) पर अब 8 प्रतिशत ब्याज दर की बजाए 7.9 प्रतिशत ब्याज मिलेगा. नई ब्याज दरें 1 जुलाई से लागू होगी.