प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana-PMVVY): केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार द्वारा बुजुर्गों (Senior Citizen) के लिए प्रधानमंत्री वय वंदना योजना को शुरू किया गया है. इस योजना के तहत बुजुर्गों के लिए पेंशन की व्यवस्था की गई है. बता दें कि सरकार अपनी इस योजना को LIC के जरिए संचालित कर रही है. मतलब यह हुआ कि अगर आपको इस योजना का लाभ लेना है तो आपको LIC एजेंट या LIC के ऑफिस में संपर्क करना होगा.
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60 वर्ष की आयु के ऊपर के नागरिकों के लिए है योजना
PMVVY के तहत वरिष्ठ नागरिकों को हर महीने एक निश्चित रकम की व्यवस्था करती है. इस योजना के तहत सिर्फ 60 साल की उम्र पार कर चुके नागरिक ही इसका फायदा उठा सकते हैं. इसके अलावा उनका भारत का नागरिक होना भी जरूरी है. कोई भी व्यक्ति 60 वर्ष की आयु के बाद इस स्कीम का हिस्सा बन सकता है. इस स्कीम में उम्र का कोई भी प्रतिबंध नहीं है.
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10 साल तक मिलता है पेंशन का लाभ
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत बुजुर्गों को हर महीने एक निश्चित पेंशन मिलती है. हालांकि पेंशन की यह रकम सिर्फ 10 साल तक ही मिलती है. अगर किसी व्यक्ति को 10 साल बाद फिर से पेंशन शुरू करना है तो उसे दोबारा इस योजना में निवेश करना होगा. इस योजना के तहत निवेशक की ओर से चुने गए समय पर उसके अकाउंट में पैसा क्रेडिट हो जाएगा. निवेशक मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक विकल्पों के साथ पेंशन के क्रेडिट के लिए समय के विकल्प को चुन सकते हैं.
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अकाउंट में सीधे पहुंचेगी पेंशन की रकम
निवेशकों को पेंशन की रकम नेटबैंकिंग (Net Banking) या आधार आधारित भुगतान सिस्टम (Aadhaar Enabled Payment System) जरिये होगा. पॉलिसी लेते समय निवेशकों को बैंक अकाउंट (Bank Account) संबंधी जानकारी साझा करें.
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निवेशकों को मिलेगी मैच्योरिटी की पूरी रकम
पॉलिसी खरीदते समय निवेशक द्वारा जमा की गई रकम 10 साल की अवधि पूरा होने के बाद वापस हो जाती है. बता दें कि पेंशन की आखिरी किस्त के साथ ही LIC जमा की गई पूरी रकम को निवेशको को वापस लौटा देता है. केंद्र सरकार जमा की गई रकम पर 8.30 फीसदी तक ब्याज देती है.
- मासिक पेंशन 8.00 फीसदी सालाना
- तिमाही पेंशन 8.05 फीसदी सालाना
- छमाही पेंशन 8.13 फीसदी सालाना
- सालाना पेंशन 8.30 फीसदी सालाना
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पॉलिसी पर टैक्स नहीं, लेकिन किस्त पर टैक्स
निवेशकों को इस योजना के तहत पॉलिसी की खरीद को सरकार की ओर से सर्विस टैक्स या GST से छूट प्राप्त है. हालांकि पेंशन की किस्त टैक्सेबल इनकम में मानी जाएगी. संबंधित वित्तवर्ष के इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की मात्रा तय किया जाएगा.