पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (Post Office Monthly Income Scheme-POMIS): निवेशकों के लिए मार्केट में निवेश के लिए कई स्कीम मौजूद हैं. बता दें कि पोस्ट ऑफिस मासिक आय योजना (Post Office Monthly Income Scheme-POMIS) केंद्र सरकार की छोटी बचत योजनाओं (Small Saving Scheme) के अंतर्गत आती है. केंद्र सरकार ने इसे निम्न आय वर्ग और मध्यम वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया है. इस मासिक आय योजना में एकमुश्त रकम जमा करने पर हर महीने ब्याज (Interest) की कमाई होती है. जिनकी आमदनी रेग्युलर (regular income) नहीं है उनके लिए यह स्कीम काफी फायदेमंद है.
अगर उनके पास एकमुश्त पैसा है तो वे इस स्कीम से रेग्युलर इनकम की व्यवस्था कर सकते हैं. इस स्कीम (POMIS) में आपकी मूल रकम में कोई बदलाव नहीं होता है. पूरी तरह से सरकारी योजना होने की वजह से किसी भी तरह का जोखिम भी नहीं है.
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सिर्फ अपने नाम पर ही खोल सकते हैं अकाउंट
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (Post Office Income Scheme) में निवेशक सिर्फ अपने नाम पर अकाउंट खुलवा सकते हैं. इस स्कीम में समूह, संस्था, समिति या परिवार के नाम पर अकाउंट खोलने की अनुमति नहीं है. व्यस्क (Adult), अव्ययस्क (Minor) या बच्चा (Child) किसी के भी नाम पर यह अकाउंट खोल सकते हैं.
POMIS पर कितना मिलता है ब्याज
POMIS में जमा रकम पर सालाना (Annual) 7.6 फीसदी ब्याज मिलता है. चूंकि सरकार हर तीन महीने में ब्याज दरों की समीक्षा करती है. इसलिए ब्याज दरों में समय-समय पर बदलाव होने से आपकी मासिक आय में उतार-चढ़ाव हो सकता है. इस ब्याज को निवेशक को हर महीने 12 किस्तों में बांट दिया जाता है. इस स्कीम में मासिक किस्त को पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट (Post Office Saving Account) में जमा कर दिया जाता है.
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पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम में टैक्स बेनिफिट नहीं
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (Post Office Monthly Income Scheme) में आपको टैक्स पर बेनिफिट (Tax Benifit) नहीं मिलता है. स्कीम में मिलने वाले ब्याज पर टैक्स छूट का लाभ नहीं मिलता है. मासिक आय (Monthly Income) के रूप में कुल ब्याज को आपके करयोग्य आय (Taxable Income) में शामिल किया जाता है.