Public Provident Fund: अगर आप अपने पैसे को एकदम सुरक्षित जगह पर निवेश करना चाहते हैं तो आपके लिए पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानि PPF से बेहतर जगह नहीं हो सकती है. यही नहीं पीपीएफ निवेश से अन्य विकल्पों की तुलना में कम जोखिम और ज्यादा रिटर्न भी मिलता है. बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के मौजूदा दौर में बैंकों में ब्याज दरें काफी कम हो गई हैं. ऐसे में PPF अकाउंट का महत्व काफी बढ़ गया है, क्योंकि वहां पर FD के मुकाबले अभी भी ज़्यादा ब्याज मिल रहा है. आपको बता दें कि मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद आप अपने पीपीएफ अकाउंट को बंद करा सकते हैं या फिर चाहे तो उसे आगे भी बढ़ा सकते हैं.
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पीपीएफ के परिपक्व होने के बाद बढ़ जाता है मैच्योरिटी पीरियड
पीपीएफ अकाउंट आगे बढ़ाने के लिए दो विकल्प में नए कंट्रीब्यूशन के साथ 5-5 साल के ब्लॉक में अकाउंट को बढ़ाया जाना और बगैर नया पैसा डाले हुए अकाउंट को आगे बढ़ाना शामिल हैं. अगर आप पीपीएफ के परिपक्व होने के बाद उसमें से पैसा नहीं निकालते हैं या फिर कोई और विकल्प का चुनाव नहीं करते हैं तो ऐसी स्थिति में PPF अकाउंट का मैच्योरिटी पीरियड अपने आप बढ़ जाती है. हालांकि इस स्थिति में आप अकाउंट में नया या फिर ज्यादा योगदान नहीं कर सकते हैं. साथ ही बैलेंस की राशि पर टैक्स फ्री ब्याज अकाउंट के बंद होने तक आता रहता है.
पीपीएफ अकाउंट का 15 साल का मैच्योरिटी पीरियड पूरा होने के बाद नए कंट्रीब्यूशन के साथ 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ाना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा. इस फॉर्म को आप डाकघर या संबंधित बैंक से ले सकते हैं. इस फॉर्म को https://www.indiapost.gov.in/VAS/DOP_PDFFiles/form/ExtensionRD.pdf डाउनलोड भी किया जा सकता है.
15 साल के पहले बंद होने पर ऐसे शुरू कर सकते हैं अकाउंट
जानकारों का कहना है कि पीपीएफ अकाउंट को 15 साल की मैच्योरिटी से पहले बंद नहीं किया जा सकता है लेकिन अगर आप उससे पहले बंद हुए अकाउंट को दोबारा शुरू करना चाहते हैं तो इस आसान प्रक्रिया के द्वारा फिर से शुरू किया जा सकता है. खाताधारक को बंद किए गए PPF अकाउंट को दोबारा खोलने के लिए जिस बैंक या पोस्ट ऑफिस में वह खोला गया है वहां पर एप्लिकेशन देनी होगी. खाताधारक को डिफॉल्ट के प्रत्येक साल के लिए 50 रुपये जुर्माना और बकाया प्रत्येक साल के लिए 500 रुपये और अकाउंट को दोबारा शुरू करने वाले वर्ष के लिए न्यूनतम सदस्यता शुल्क 500 रुपये का भुगतान करना होगा. सभी प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद पीपीएफ अकाउंट दोबारा शुरू हो जाएगा.
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आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत टैक्स छूट
PPF अकाउंट में जमा राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत टैक्स छूट उपलब्ध है. इसके अलावा खाते में अर्जित संपूर्ण ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 10 के तहत कर मुक्त है. तीसरे वित्तीय वर्ष से लेकर छठे वित्तीय वर्ष तक खाते में से लोन की सुविधा भी मिलती है और सातवें वित्तीय वर्ष से खाते में से निकासी की जा सकती है. परिपक्वता के उपरांत खाते को 5-5 वर्ष के ब्लॉक में आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन इसमें प्रत्येक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम राशि जमा करना अनिवार्य है.
HIGHLIGHTS
- आयकर अधिनियम की धारा 80 C के तहत टैक्स छूट
- ब्याज आयकर अधिनियम की धारा 10 के तहत कर मुक्त