भारतपे के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने नियंत्रण चाहने और भारतपे से पैसे कमाने की कोशिश की. यह दावा फिनटेक प्लेटफॉर्म के पूर्व सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर ने दोगलापन नामक शीर्षक की पुस्तक में किया है. ग्रोवर ने पिछले हफ्ते एक ट्वीट में कहा था कि कुमार को काम पर रखना उनकी सबसे बड़ी गलती थी. उन्होंने लिखा कि भारतपे से बाहर निकलना स्टार्टअप दुनिया का सार्वजनिक रूप से कवर किया गया सबसे बड़ा विवाद है.
इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मेरे अपने हितधारकों को धन्यवाद, जिन्होंने साजिश रची. यह कंपनी के निर्माता से छुटकारा पाने की उनकी मैकियावेलियन साजिश है. ग्रोवर ने कहा, भारतीय स्टेट बैंक के पूर्व अध्यक्ष रजनीश कुमार माधुरी और मेरे द्वारा बोर्ड में आमंत्रित किए जाने पर कंपनी पर नियंत्रण की चाह रखने और पैसा बनाने के शुरुआती संकेत दिखाए थे, जिसे मैंने नजरअंदाज कर दिया था.
ग्रोवर ने आरोप लगाया कि चाहे वह कार्यालय में पहले दिन अपने ईएसओपी को 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर रहा हो, या मुझे डीएलएफ गोल्फ कोर्स में डीएलएफ गोल्फ कोर्स की मुफ्त सदस्यता दिलाने के लिए कह रहा हो. उसने मेरे साथ खेल खेला.
हालांकि कुमार ने ग्रोवर के दावों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. ग्रोवर ने एक ट्वीट में कहा था, रजनीश कुमार मेरी सबसे बड़ी भर्ती गलती थी. ग्रोवर ने अपने ट्वीट में दावा किया है, न केवल इसलिए कि क्या हुआ, बल्कि क्योंकि मैंने डेटा की अनदेखी की. सीएमडी के रूप में रजनीश के तहत एसबीआई स्टॉक 3 साल में 25 प्रतिशत (257 रुपये - 192 रुपये) गिर गया. यह 8 बिलियन डॉलर का मूल्य विनाश है. उनके जाने के बाद 570 रुपये (200 प्रतिशत ऊपर)चला गया.
विडंबना यह है कि अक्टूबर 2021 में जब भारतपे ने कुमार को काम पर रखा था, ग्रोवर ने एक आधिकारिक बयान में कहा था कि यह हमारे लिए बहुत सम्मान और गर्व की बात है कि भारतीय बैंकिंग उद्योग के सबसे बड़े दिग्गजों में से एक ने भारतपे के अध्यक्ष के रूप में शामिल होने के लिए सहमति व्यक्त की है.
ग्रोवर ने कहा था, हम भारत के सबसे बड़े डिजिटल क्रेडिट प्रदाता के रूप में रजनीश कुमार के मार्गदर्शन की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हमें विश्वास है कि उनके मार्गदर्शन से भारतपे नई उंचाइयां हासिल करेगा.
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Source : IANS