अगर आप रिटायर होने वाले हैं या फिर रिटायर होने में अभी कुछ साल बाकी हैं तो यह ख़बर आपके लिए है. इन्वेस्टमेंट गुरुओं की मानें तो रिटायरमेंट की प्लानिंग और सेविंग बहुत पहले से करना जरूरी है. रिटायरमेंट प्लानिंग एक मुश्किल काम है लेकिन अगर आप सही तरीके से इसकी तैयारी करें तो आपका रिटायरमेंट तनावमुक्त और आनंददायक होगा, इसकी पूरी गारंटी है. एगॉन द्वारा 2015 में की गई ग्लोबल रिटायरमेंट रेडिनेस सर्वे के मुताबिक एक औसत भारतीय कर्मचारी बेहतर रिटायरमेंट की तैयारी में काफी पीछे है. रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बेहतर रिटायरमेंट के लिए जरूरी रकम का 30 फीसदी कम जमा कर पाते हैं. रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए किन बातों का ख्याल रखें आइये इस पर नज़र डालते हैं.
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रिटायरमेंट के बाद की लाइफस्टाइल के हिसाब से करें बचत
आपकी मौजूदा लाइफस्टाइल क्या है और आप रिटायरमेंट के बाद भी क्या उसी तरह की लाइफ चाहते हैं. इसपर भी विचार करना बेहद ज़रूरी है. अगर आपने ये फैसला नहीं किया है कि आपकी रिटायरमेंट कैसी होनी चाहिए, तो आपके लिए यह बेहद मुश्किल होगा कि आपको कितनी रकम बचानी चाहिए, कितनी निवेश करनी चाहिए और कितना खर्च करना चाहिए. इसका उत्तर यह है कि आपको रिटायरमेंट के बाद कितनी रकम की जरूरत होनी है वो तय करें. आमतौर पर रिटायरमेंट की राशि आपके सालाना इनकम का करीब 80 फीसदी कवर होना चाहिए.
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पहली नौकरी से ही शुरू करें बचत की आदत
आपकी पहली सैलरी आए तभी से रिटायरमेंट के लिए बचत शुरू करना चाहिए. कैरियर के शुरुआती दौर में आप पर घर का कर्ज, कार लोन जैसी चीजों से मुक्ति रहती है. साथ ही अलग-अलग इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम भरने का भी बोझ नहीं होता है. ऐसे में रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए यह सबसे सही समय होता है. आप जितना जल्दी तैयारी शुरू कर देंगे उतना कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि) का फायदा आपको मिलेगा. एम्प्लॉयी प्रॉविडेंट फंड (Employees' Provident Fund Organisation) बचत करने के लिए सबसे सुरक्षित जरिया है. बचत के नियम के मुताबिक हमेशा मासिक सैलरी का कम से कम 30 फीसदी बचत किया जाना चाहिए.
भविष्य में महंगाई बढ़ने को लेकर करें तैयारी
मान लीजिए मौजूदा समय में किसी उत्पाद की कीमत आज 50 रुपये है. तो 7 फीसदी सालाना महंगाई दर से इसी उत्पाद की कीमत 30 साल में 382 रुपये हो जाएगी. जानकार के मुताबिक बचत करते समय महंगाई को ज़रूर ध्यान में रखना चाहिए. ताकि आप भविष्य में महंगाई को मात दे सकें. इसी तरह, इकोनॉमी में मदी की स्थिति से निपटने के लिए आपके पास पर्याप्त बचत और निवेश होना चाहिए।
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सही हेल्थ इंश्योरेंस का करें चुनाव
समय रहते सही और पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस का चुनाव करें. सही हेल्थ इंश्योरेंस नहीं लेने पर भविष्य में अचानक हुई बीमारियों के लिए आपको काफी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है. सबसे खास बात यह है कि अपने स्वास्थ्य को लेकर हमेशा सतर्क रहें और कभी भी अनदेखी नहीं करें.
अपने पोर्टफोलियो का डाइवर्सिफिकेशन करें
लोगों को अपने पोर्टफोलियो का डाइवर्सिफिकेशन करना चाहिए. हालांकि फिक्स्ड डिपॉजिट सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश का विकल्प है, लेकिन इन योजनाओं में जो रिटर्न मिलता है वो तकरीबन 7-8 फीसदी के बीच ही रहता है. वहीं शेयर बाज़ार और डाइवर्सिफाइड विकल्प जैसे यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) और म्यूचुअल फंड (MF) में रिटर्न काफी अधिक मिलने की संभावना रहती है. अंत में सबसे जरूरी बात जब तक बहुत ज्यादा जरूरी नहीं हो, रिटायरमेंट फंड के पैसे का कहीं और इस्तेमाल नहीं करें. बेहतर जगह निवेश करके आप तनावमुक्त रिटायरमेंट का आनंद ले सकते हैं.
Source : Dhirendra Kumar