रिटायरमेंट (Retirement) के बाद का जीवन बेहद खुशनुमा हो सकता है बर्शते कि आपने उसके लिए समय रहते पूरी प्लानिंग की है. रिटायरमेंट की योजना बनाते समय गलतियों की सूची भी काफी लंबी होती है. ऐसे में हमें उन गलतियों से किस तरह से बचना है, उसको इस रिपोर्ट में हम जानने की कोशिश करेंगे. बता दें कि रिटायरमेंट के समय को टाला नहीं जा सकता है और बहुत से लोगों को यह लगता है कि अभी तो उनके पास काफी समय है. यही वजह है कि वे रिटायरमेंट की प्लानिंग (Retirement Planning) को टालते रहते हैं. जानकारों का कहना है कि कई लोग रिटायरमेंट की प्लानिंग को टालते रहते हैं. कई बार ऐसी स्थितियां बन जाती हैं कि जिसमें कुछ ही साल में उन्हें काफी बचत करनी होती है. इस बचत को बढ़ाने के लिए कई बार व्यक्ति इतना वित्तीय खतरा उठा लेता है कि वे उसे अफोर्ड नहीं कर सकता है.
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समय रहते निवेश की प्लानिंग करें
जानकारों का कहना है कि आपमें से बहुत लोगों ने कंपाउंडिंग के मैजिक के बारे में सुना हुआ है, लेकिन इस मैजिक को देखने के लिए सबसे जरूरी है समय. उनका कहना है कि रिटायरमेंट प्लानिंग के तहत निवेश को जल्द से जल्द शुरू करना होगा. जानकारों का कहना है कि नियमित छोटी रकम की निवेश के जरिए रिटायरमेंट की प्लानिंग को आसान बनाया जा सकता है. ऐसे में जितनी जल्दी हो सके रिटायरमेंट प्लानिंग शुरू कर देना चाहिए. जानकारों का कहना है कि रिटायरमेंट की लॉन्ग टर्म प्लानिंग के लिए महंगाई को नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है. उनका कहना है कि सामान्य नियम के मुताबिक सालाना 7 फीसदी की महंगाई दर को जोड़कर निवेश की प्लानिंग करनी चाहिए. जानकारों का कहना है कि लोगों को मौजूदा खर्चों के हिसाब से रिटायरमेंट फंड के लिए योजना बनाते समय महंगाई दर को जरूर ध्यान देना चाहिए.
डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाना चाहिए
लोगों को डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाना चाहिए. जानकार म्यूचुअल फंड, एनपीएस (NPS), डेट फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD-Fixed Deposit) समेत कई इंस्ट्रूमेंट में निवेश की सलाह देते हैं.
HIGHLIGHTS
- लोगों को डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने की सलाह
- महंगाई दर को जोड़कर निवेश की प्लानिंग करनी चाहिए