स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने त्योहारों से पहले ग्राहकों को बड़ा तोहफा देने जा रहा है. एमएसएमई (MSME), हाउसिंग (Housing) और रिटेल लोन (Retail Loan) के सभी फ्लोटिंग रेट लोन के लिए SBI ने सोमवार को एक्सटर्नल बेंचमार्क के रूप में रेपो रेट (Repo Rate) अपनाने का फैसला किया है, जो 1 अक्टूबर 2019 से लागू होगा. इससे पहले 4 सितंबर 2019 को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को सभी रिटेल लोन फ्लोटिंग रेट्स पर शिफ्ट करने का आदेश दिया था.
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मीडियम एंटरप्राइजेज के लिए SBI ने स्वेच्छा से एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड लोन को बढ़ावा दिया है. इससे MSME सेक्टर को बूस्ट मिलेगा. SBI ने 1 जुलाई 2019 को फ्लोटिंग रेट होम लोन को पेश किया था. स्कीम में कुछ बदलाव किए गए हैं, जो 1 अक्टूबर 2019 से लागू हो जाएगी.
1 अक्टूबर 2019 से SBI के नए सर्विस चार्ज लागू हो सकते हैं. मेट्रो शहरों, पूर्ण शहरी इलाकों में फिलहाल एसबीआई ब्रांच में बैंक अकाउंट खुलवाने वाले लोगों को 5000 रुपये और 3000 रुपये तक तक मिनिमम मंथली एवरेज बैलेंस रखना जरूरी होता है. 1 अक्टूबर से यह बैलेंस घटकर 3000 रुपये हो सकता है. किसी के अकाउंट का मिनिमम बैलेंस 3000 रुपये से 75 फीसदी से ज्यादा कम हुआ तो पेनल्टी 15 रुपये+ जीएसटी लग सकता है, जो अभी 80 रुपये+ जीएसटी है.
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1 जुलाई से SBI डिजिटल मोड से RTGS और NEFT के जरिए ट्रांजेक्शंस को चार्ज फ्री कर चुका है. वहीं एसबीआई ब्रांच में NEFT/RTGS के जरिए ट्रांजेक्शन की लागत भी घट गई है. 1 अक्टूबर से बैंक ब्रांच में NEFT/RTGS से ट्रांजेक्शन पर चार्ज इस तरह होंगे. 10 हजार रुपये के ट्रांजेक्शंस पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा.
1 अक्टूबर से SBI के एटीएम चार्ज भी बदल सकते हैं. कस्टमर मेट्रो शहरों के एसबीआई एटीएम में मैक्सिमम 10 बार फ्री डेबिट ट्रांजेक्शन कर सकेगा. वहीं अन्य जगहों के एटीएम से मैक्सिसम 12 फ्री ट्रांजेक्शन कर सकेगा.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो