अगर आप स्मोकर हैं तो आपके टर्म इश्योरेंस प्रीमियम पर होगा ये बड़ा असर

धूम्रपान करने वाले लोगों को हर महीने लाइफ इंश्योरेंस के लिए धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में औसतन 650 रुपये से 850 रुपये तक अधिक प्रीमियम चुकाना पड़ता है और यह सालाना 8,000 रुपये से 10,000 रुपये अधिक हो जाता है.

author-image
Ravindra Singh
New Update
smokers term insurance plan premium

टर्म इंश्योरेंस प्लान में स्मोकर्स के प्रीमियम पर असर( Photo Credit : आईएएनएस)

Advertisment

धूम्रपान न सिर्फ स्वास्थ्य पर असर डालता है, बल्कि इसका असर लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (Life Insurance Policy) के प्रीमियम पर भी पड़ता है. कई लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के अंडरराइटिंग नियमों के मुताबिक, ग्राहक के लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जॉब प्रोफाइल से ज्यादा, धूम्रपान की लत का असर पड़ता है. अंडरराइटिंग के नियमों और रिस्क प्रोफाइल को देखते हुए कम रिस्क प्रोफाइल वाले स्मोकर्स को हाई रिस्क जॉब वाले नॉन स्मोकर्स की तुलना में लाइफ इंश्योरेंस के लिए अधिक प्रीमियम (Premium) चुकाना पड़ सकता है.

पॉलिसी बाजार डॉट कॉम की चीफ बिजनेस ऑफिसर संतोष अग्रवाल ने कहा कि लो रिस्क जॉब प्रोफाइल वाले लोगों जैसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर, बैंकर्स और मार्केटिंग कंसल्टैंट की तुलना में हाई रिस्क जॉब वाले लोगों, जैसे कंस्ट्रक्शन वर्कर्स और जेल में काम करने वाले अधिकारियों के लाइफ इंश्योरेंस का प्रीमियम कम होता है. जॉब प्रोफाइल की ही तरह इंश्योरेंस कंपनियां उपभोक्ताओं को दो अलग-अलग सेगमेंट स्मोकर्स और नॉन स्मोकर्स में बांटती हैं.

यह भी पढ़ें- Coronavirus (Covid-19): लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी (Life Insurance Policy) होल्डर्स के लिए बड़ी राहत, 31 मई तक करा सकेंगे रिन्यू

उन्होंने कहा कि लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर धूम्रपान का इतना ज्यादा असर क्यों पड़ता है, इसका कारण धूम्रपान की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाला बेहद प्रतिकूल प्रभाव है. अलग-अलग किए गए अध्ययन के मुताबिक, हाई रिस्क जॉब के कारण भले ही लोगों की मृत्यु न हो, लेकिन धूम्रपान, कई तरह के जानलेवा रोगों जैसे फेफड़े का कैंसर, स्ट्रोक्स, दिल से जुड़ी बीमारियां और टीबी जैसे रोगों का प्राथमिक कारण बनता है. ऐसा कई दशकों से देखा जा रहा है. यही कारण है कि धूम्रपान करने वाले लोगों की मौत की आशंका अधिक होती है, इसलिए उन्हें ज्यादा प्रीमियम चुकाना पड़ता है.

यह भी पढ़ें-भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस (Bharti AXA Life Insurance) के इस प्लान में लाइफ कवर के साथ मिलेंगे ये फायदे

संतोष अग्रवाल ने कहा कि धूम्रपान करने वाले लोगों को लाइफ इंश्योरेंस के लिए धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में औसतन 50 फीसदी अधिक प्रीमियम चुकाना पड़ता है. धूम्रपान करने वाले लोगों को हर महीने लाइफ इंश्योरेंस के लिए धूम्रपान न करने वाले लोगों की तुलना में औसतन 650 रुपये से 850 रुपये तक अधिक प्रीमियम चुकाना पड़ता है और यह सालाना 8,000 रुपये से 10,000 रुपये अधिक हो जाता है.

यह भी पढ़ें- लाइफ इंश्योरेंस से भी प्राप्त किया जा सकता है लोन, यहां जानें पूरी प्रक्रिया

उन्होंने कहा कि धूम्रपान करने वाले लोगों के लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम की गणना करने के लिए इंश्योरेंस कंपनियां पिछले एक महीने में ग्राहक द्वारा तंबाकू के इस्तेमाल की आवृति की जानकारी लेती हैं. इसमें तंबाकू से जुड़े उत्पाद जैसे सिगार, सिगरेट या तंबाकू चबाने से जुड़ी जानकारी होती है. इस जानकारी के आधार पर कंपनियां यह फैसला लेती हैं कि ग्राहक सीजंड या ओकेजनल स्मोकर है. अंडरराइटिंग के अन्य नियमों को ध्यान में रखते हुए इंश्योरेंस कंपनियां लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी प्रीमियम पर लोडिंग (प्रीमियम में बढ़ोतरी) चार्ज करने का फैसला लेती हैं.

उन्होंने कहा कि अगर आप धूम्रपान करते हैं और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने के इच्छुक हैं, तो आप पॉलिसी के प्रीमियम में होने वाली बढ़ोतरी को नजरअंदाज करते हुए अपनी धूम्रपान की लत से जुड़ी सारी जानकारी इंश्योरेंस कंपनी को दें. इंश्योरेंस कंपनियां इंश्योरेंस जारी करने से पहले अक्सर ग्राहकों को मेडिकल टेस्ट कराने को कहती हैं. आप इंश्योरेंस कंपनी से भले ही यह झूठ बोल दें कि आप धूम्रपान नहीं करते, लेकिन मेडिकल टेस्ट में आपकी पोल आसानी से खुल जाएगी, भले ही आप कभी-कभी ही धूम्रपान क्यों न करते हों.

Source : News Nation Bureau

health lic smoking life insurance policy स्वास्थ्य IRDA टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी Term Insurance Premium HPCommonManIssue CommonManIssue धुम्रपान
Advertisment
Advertisment
Advertisment