Sukanya Samriddhi Yojana Big Update: भारत सरकार की साल 2015 में बेटियों के लिए शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) को लेकर अपडेट मिल रही है. अगर आपने भी अपनी बेटी के भविष्य को संवारने के लिए इस योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में निवेश किया है या निवेश करने का प्लान कर रहे हैं तो यह खबर पढ़ना जरूरी है. दरअसल सुकन्या योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में कुछ बदलाव किए गए हैं. इन नए बदलावों के बाद स्कीम (Sukanya Samriddhi Yojana) में निवेश करने और खाता बंद करवाना अब आसान हो जाएगा. आइए जानते हैं इस योजना से जुड़े बड़े बदलाव
ये हुऐ हैं पांच बड़े बदलाव
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) के तहत अकाउंट में न्यूनतम राशि को लेकर बदलाव किए गए हैं. जहां पहले खाते को डिफॉल्ट होने से बचाने के लिए न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपए सालाना जमा करना जरूरी था, अब ऐसा जरूरी नहीं रह गया है. न्यूनतम राशि जमा ना कर पाने पर भी खाता डिफॉल्ट नहीं होगा. जमा राशि पर ब्याज मिलता रहेगा.
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सुकन्या समृद्धि योजना के तहत पहले तीन बेटियों के योजना में खाता होने की स्थिति पर केवल पहली दो ही बेटियों को सेक्शन 80c के तहत टैक्स छूट का प्रावधान था. तीसरी बेटी को टैक्स छूट नहीं दी जाती थी. वहीं योजना में बदलाव के बाद एक बेटी के बाद दो जुड़वा बेटियों के योजना में रजिस्टर्ड होने पर टैक्स छूट तीनों बेटियों को मिलेगी.सकता है.
सुकन्या समृद्धि योजना के नियमों में बदलाव के बाद योजना में रजिस्टर्ड व्यक्ति के खाते में सालाना ब्याज वित्त वर्ष के आखिर में जोड़ा जाएगा.
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सुकन्या समृद्धि योजना में खाताधारक को गंभीर बीमारी होने की स्थिति में अकाउंट बंद करने की अनुमति होगी इससे पहले योजना के खाताधारक की मौत होने या शादी के बाद एडरेस बदल जाने पर ही खाता बंद किया जाता था.
सुकन्या योजना के नए नियमों के मुताबिक योजना में रजिस्टर्ड बेटी की आयु 18 साल हो जाने पर ही उसे अकाउंट ऑपरेट करने का अधिकार मिल सकेगा. जबिक इससे पहले सुकन्या खाता के 10 साल पूरे होने पर ही खाताधारक को खाता ऑपरेट करने का अधिकार मिलता था.
HIGHLIGHTS
- योजना में न्यूनतम राशि को लेकर बदलाव
- खाता बंद करवाने के नियम भी बदल गए हैं