मौजूदा समय में बिजनेस शुरू करने के लिए मार्केट में कई तरह के विकल्प मौजूद हैं. आजकल के युवा व्यापार के परंपरागत तरीकों को छोड़कर नए विकल्पों को तलाश कर रहे हैं. नए विकल्पों में से एक है ऑर्गेनिक फॉर्मिंग (Organic Farming). ऑर्गेनिक फॉर्मिंग के जरिए कोई भी व्यक्ति लाखों की कमाई हासिल कर सकता है और अपने लखपति (How To Become Lakhpati) बनने के सपने को साकार कर सकता है. हालांकि ऑर्गेनिक फॉर्मिंग के बिजनेस को शुरू करने के लिए कुछ खास नियमों का पालन करना भी बेहद अहम है.
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गौरतलब है कि मौजूदा समय में आईटी (IT), सर्विस सेक्टर (Service Sector), मीडिया (Media), रिटेल (Retail) और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector) में युवा अपना कैरियर बना रहे हैं लेकिन ऑर्गेनिक फॉर्मिंग की ओर रुख करना थोड़ा आश्चर्यचकित करता है. आज की इस रिपोर्ट में हम मुंबई के एक युवा जोड़े जोशुआ लुईस और सकीना राजकोटवाला परंपरागत कारोबार के इसी मिथक को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. यह युवा जोड़ा आर्गेनिक खेती के व्यापार से लाखों रुपये की कमाई कर रहा है. आइए जानने की कोशिश करते हैं उन्हें इस व्यापार को शुरू करने में क्या-क्या कठिनाई आई और कैसे वे इस व्यापार में सफल हो पाए.
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कहां से मिला इस बिजनेस का मंत्र
जोशुआ लुईस और सकीना राजकोटवाला मुंबई में ही रहकर आर्गेनिक खेती (Organic Farming) के जरिए लोगों को आर्गेनिक फूड उपलब्ध करा रहे हैं. इस बिजनेस से उनकी सालाना आय लाखों रुपये में हो रही है. 2017 में पुडुचेरी में लुईस और सकीना की मुलाकात इंग्लैंड के कृष्णा मकेंजी से हुई. कृष्णा मकेंजी पुडुचेरी में ऑर्गेनिक खेती कर रहे थे. उसी से प्रेरित होकर मुंबई में दोनों ने हर्बीवोर फार्म्स (Herbivore Farms) की शुरुआत की. गौरतलब है कि हर्बीवोर फार्म्स मुंबई का पहला हाइपरलोकल हाइड्रोपॉनिक्स फार्म है. इस फार्म में 2,500 से अधिक पौधे लगे हुए हैं. दोनों इसी फार्म से ताजी और ऑर्गेनिक सब्जियों की सप्लाई किया करते हैं.
पेस्टीसाइड्स का नहीं करते हैं इस्तेमाल
दोनों का कहना है कि हम पत्तेदार हरी सब्जियों (vegetables) की खेती करते हैं. उनकी खेती के लिए हाइड्रोपॉनिक्स विधि का इस्तेमाल करते हैं. हाइड्रोपोनिक्स एक ऐसी विधि है जिसमें मिट्टी की जगह पानी का इस्तेमाल किया जाता है. इन पौधों को घर के भीतर या छत पर लगाया जाता है. साथ ही उनके अनुरूप ही तापमान को भी नियंत्रित किया जाता है. उनका कहना है कि वे सब्जियों की खेती में किसी भी तरह के कीटनाशक का इस्तेमाल नहीं करते. इन सब्जियों का स्वास्थ्य पर किसी भी तरह का विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता है.
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ऑर्गेनिक सब्जियों में बहुत कम इस्तेमाल होता है पानी
सकीना राजकोटवाला के मुताबिक इन सब्जियों की खेती के लिए बहुत कम पानी की जरूरत होती है. उनकी मानें तो सिर्फ 20 फीसदी पानी में सब्जियां उग जाती है. इनकी खेती में रीसर्कुलेटिंग सिंचाई व्यवस्था का इस्तेमाल होता है. पौधों के रखरखाव देखते हुए वो कहती हैं कि इस प्रक्रिया से खेती करने पर सामान्य खेत से पांच गुना उत्पादन संभव है. साथ ही ग्राहकों को फार्म से कुछ ही घंटे में सब्जियों की डिलीवरी कर दी जाती है.