Triple Tax Benefit Scheme: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund) स्कीम में पैसा निवेश करना फायदा का सौदा है. यह (Public Provident Fund) देश के अधिकतर लोगों द्वारा पसंद की जाने वाली स्मॉल सेंविग स्कीम है, जिसमें टैक्स बैनेफिट का लाभ मिलता है. इस स्कीम पर इस समय 7.10% की दर से ब्याज मिल रहा है. अगर आपने अभी तक इस स्कीम (Public Provident Fund) में निवेश नहीं किया है तो इसके बारे में कुछ फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं, ताकि आप भी सुविधा का लाभ ले सकें.
मैच्योरिटी से पहले निकाल सकते हैं पैसा
इस स्कीम (Public Provident Fund) में मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालने की सुविधा मिलती है. क्योंकि पीपीएफ (Public Provident Fund) का मैच्योरिटी पीरियड 15 सालों का होता है इसलिए खाताधारक 6 साल बाद नियम और शर्तों के साथ जमा राशि का कुछ हिस्सा निकाल सकता है.
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केवल इतनी ही राशि का निवेश काफी
पीपीएफ (Public Provident Fund) में ग्राहकों को सालाना केवल 500 रुपये खाते में रखना अनिवार्य है. इसके अलावा ग्राहक चाहे तों इस खाते में अधिकतम राशि 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं. सालाना इससे अधिक राशि जमा करते हैं तो अतिरिक्त राशि पर ब्याज का लाभ नहीं मिलता है. इस स्कीम (Public Provident Fund) में साल में 12 बार से अधिक निवेश की अनुमति नहीं मिलती है.
खाता खुलवाना है बेहद आसान
पीपीएफ खाता (Public Provident Fund) खुलवाने के लिए आप अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस ब्रांच में विजिट कर सकते हैं. भारत सरकार ने कुछ बैंकों को भी पीपीएफ (Public Provident Fund) खाता खोलने के अधिकार दिए हैं. बैंक की ब्रांच विजिट कर भी इस खाते को खुलवा सकते हैं.
1 से 5 तारीख तक पैसा जमा करने पर मिलता है ज्यादा ब्याज
खाते (Public Provident Fund) में मौजूद राशि पर ब्याज की गणना हर महीने 5 तारीख को की जाती है. इसलिए जानकार सलाह देते हैं कि खाते में निवेश इसी समयावधि के बीच करना चाहिए ताकि नई राशि भी ब्याज की अतिरिक्त गणना में आ जाए. इस तरह अधिक ब्याज का फायदा मिलता है.
टैक्स डिडक्शन का भी है लाभ
सरकार की इस स्कीम (Public Provident Fund) में टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. 1961 के सेक्शन 80c के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है. जमा की गई राशि के साथ- साथ ब्याज और मैच्योरिटी अमाउंट भी टैक्स के दायरे से बाहर रहती है.
HIGHLIGHTS
- निवेश की राशि पर टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है
- मैच्योरिटी से पहले भी राशि को निकालने की सुविधा