प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आधार कार्ड (Aadhaar) को लोगों के लिए अधिक अनुकूल बनाने के उद्देश्य से आधार और अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2019 के स्थान पर आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 (The Aadhaar and Other Laws (Amendment) Bill, 2019) को मंजूरी दी है.
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प्रस्तावित संशोधन राष्ट्रपति द्वारा 2 मार्च, 2019 को घोषित अध्यादेश के प्रावधानों के अनुरूप है. इस विधेयक को संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा. इस निर्णय से आधार, लोगों के लिए अधिक सुविधाजनक और उपयोगी सिद्ध होगा.
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बैंक को आधार नंबर देना होगा स्वैच्छिक
इस निर्णय से यूआईडीएआई (UIDAI) लोगों के हितों के अनुरूप एक मजबूत प्रणाली बनाने में सक्षम होगा और इससे आधार के दुरूपयोग को कम करने में सहायता मिलेगी. इस संशोधन के बाद यदि संसद द्वारा पारित किसी कानून की बाध्यता न हो तो किसी व्यक्ति को अपनी पहचान साबित करने हेतु आधार नंबर प्रस्तुत करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा.
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बैंक खाते खुलवाने में लोगों की सुविधा के लिए प्रस्तावित संशोधन आधार के उपयोग को मान्यता देता है परंतु बैंक को आधार नंबर देना स्वैच्छिक होगा. टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 तथा धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत बैंक इसे केवाईसी (KYC) दस्तावेज के रूप में स्वीकार कर सकता है.
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प्रस्तावित संशोधनों की मुख्य विशेषताएं
- व्यक्ति स्वेच्छा से प्रमाणन या सत्यापन के लिए भौतिक रूप में अथवा इलेक्ट्रानिक रूप में आधार नंबर का उपयोग कर सकता है
- 12 अंकों वाले आधार नंबर के उपयोग की सुविधा, इसके वैकल्पिक वर्चुअल पहचान के उपयोग की सुविधा ताकि व्यक्ति के वास्तविक आधार नंबर को गुप्त रखा जा सके
- जिन बच्चों के पास आधार नंबर है उन्हें यह विकल्प दिया गया है कि वे 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने से पहले अपने आधार नंबर को गुप्त रख सकते है
- संस्थानों को सत्यापन करने की अनुमति है यदि वे प्राधिकरण द्वारा निर्दिष्ट निजता और सुरक्षा के मानकों का अनुपालक करते है या संसद द्वारा पारित किसी कानून के तहत सत्यापन की अनुमति है या केन्द्र सरकार यह प्रस्ताव देती है कि उक्त सत्यापन राज्य हित में है
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- सत्यापन के लिए स्वैच्छिक रूप से आधार नंबर देने की अनुमति होगी. टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 और धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत बैंक इसे केवाईसी दस्तावेज के रूप में स्वीकार कर सकता है
- निजी संस्थानों द्वारा आधार के उपयोग से संबंधित आधार अधिनियम की धारा 57 को हटाने का प्रस्ताव है
- यदि आधार नंबर का सत्यापन नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में भी किसी व्यक्ति को सेवा से वंचित नहीं किया जा सकता
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- भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण कोष स्थापित करने का प्रस्ताव है
- आधार अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के संदर्भ में दीवानी जुर्माने का प्रावधान है।
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गौरतलब है कि 28 फरवरी, 2019 को हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने आधार व अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2019 पर विचार किया था और राष्ट्रपति ने 2 मार्च, 2019 को इस अध्यादेश की घोषणा की थी. आधार व अन्य कानून (संशोधन) अध्यादेश, 2019 के द्वारा उच्चतम न्यायलय के आदेशों और न्यायमूर्ति बी. एन. श्रीकृष्ण (सेवानिवृत्त) समिति की अनुशंसाओं के अनुरूप आधार अधिनियम को सशक्त बनाया जाएगा.
HIGHLIGHTS
- The Aadhaar and Other Laws (Amendment) Bill, 2019 को मंजूरी
- इस संशोधन विधेयक को संसद के अगले सत्र में पेश किया जाएगा
- पहचान साबित करने के लिए आधार देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता