Systematic Withdrawal Plan-SWP: जिस तरह से कोई निवेशक सिस्टेमैटिक तरीके से पैसे को निवेश करता है तो उसे सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) कहते हैं. ठीक उसी तरह आप अगर सिस्टेमैटिक तरीके से पैसे को निकालते हैं तो उसे सिस्टेमैटिक विद्ड्राल प्लान कहा जाता है. SWP के जरिए कोई भी निवेश मासिक, तिमाही, छमाही और सालाना आधार पर पैसे को निकाल सकता है.
यह भी पढ़ें: Alert: विदेश यात्रा (Foreign Tour) के लिए भी देना पड़ेगा टैक्स, जानिए क्या है नया नियम
निवेशक अपने मौजूदा निवेश से SWP के जरिए रेग्युलर इनकम पा सकता है. निवेशक के द्वारा तय की गई समयसीमा पर पैसा उसके बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाता है. SWP के जरिए नियमित अंतराल पर भी पैसा निकाला जा सकता है. म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेशकों को नेट एसेट वैल्यू (NAV-Net Asset Value) की गणना के आधार पैसे निकालने की सुविधा प्रदान करता है. निवेशक निकाले गए पैसे का उपयोग अपनी मर्जी के मुताबिक कर सकता है. बता दें कि SWP के जरिए हासिल किया गया पैसा यूनिट्स की बिक्री पर मिलता है. वहीं फंड में पैसा खत्म होने की स्थिति में SWP के जरिए मिलने वाला पैसा बंद हो जाएगा.
यह भी पढ़ें: किसानों की आय बढ़ाने में सहयोग बनी यह सरकारी स्कीम, जानें कितने रुपये का हुआ फायदा
SWP के क्या हैं फायदे
SWP के जरिए निवेशकों को काफी फायदा होता है. निवेशक अपनी जरूरत के हिसाब से राशि का चुनाव कर सकता है. इसके अलावा मार्केट में निवेश होने की वजह से शानदार रिटर्न मिलने की भी संभावना रहती है. जानकार निवेशकों को उनकी सैलरी लिक्विड फंड में निवेश करने की सलाह देते हैं. दरअसल, लिक्विड फंड में निवेश होने से निवेशक कभी भी पैसा निकाल सकते हैं और उस पर निवेशकों को रिटर्न भी मिलता है. निवेशक EMI के लिए भी SWP का उपयोग कर सकते हैं.