आयकर विभाग अपने करदाताओं की बेहतर सुविधा के लिए समय-समय पर व्यवस्था में सुधार और बदलाव करता रहता है. हाल ही में इनकम टैक्स ने करदाताओं को एक नई सुविधा दी है. इस सुविधा को 'डिस्कार्ड रिटर्न' नाम दिया गया है. डिस्कार्ड सुविधा शुरू होने के बाद अब करदाता अपने टैक्स रिटर्न को डिस्कार्ड कर सकते हैं. इस फीचर के आने के बाद टैक्सपेयर अपने किसी आय को पूरी तरह से डिस्कार्ड कर सकते हैं. यानि यूं कहें तो इसे डिलीट भी कर सकते हैं.
अब सवाल यह है कि यह सुविधा किसके लिए है तो हम आपको बता दें कि यह उस आयकर रिटर्न के लिए है जिसे करदाता पहले ही दाखिल कर चुका है लेकिन उसे वेरिफाई नहीं कर पाया है. अगर आपने पहले कभी इनकम रिटर्न फाइल किया है, लेकिन उसे वरिफाई नहीं किया गया तो अब आप वैसे रिटर्न को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के डेटाबेस से डिलीट कर सकते हैं.
क्या रिवाइज्ड रिटर्न से मिल गई छूटकारा?
इस सुविधा से करदाताओं के लिए आईटीआर दाखिल करना आसान हो जाएगा. आपको बता दें, पुराने रिटर्न को खारिज करने की कोई सुविधा नहीं थी, इसलिए अगर कोई गलती रह जाती थी तो करदाताओं को रिवाइज्ड रिटर्न भरना पड़ता था. अब करदाता संशोधित रिटर्न दाखिल करने की पूरी प्रक्रिया से गुजरने के बजाय गलतियों को सुधारकर नई आईटीआर दाखिल कर सकते हैं.
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क्या टैक्सपेयर्स को मिल गई आजादी?
रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने के लिए पुराने रिटर्न को वेरिफाई करना जरूरी था. मतलब, यदि आपने आयकर रिटर्न दाखिल किया है और फिर कोई गलती पाई है, तो इसे ठीक करने का तरीका यह है कि पहले इसे वैसे ही वेरिफाई करें और फिर रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करें. अब करदाताओं को इस प्रक्रिया में आजादी मिल गई है, अब करदाता गलत जानकारी वाले रिटर्न को छोड़कर नए सिरे से आईटीआई भर सकते हैं.
क्या है आईटीआर फाइल करने के फायदे?
ITR फाइल करने के कई फायदे हैं. आपको बता दें कि आईटीआर आपकी आय का प्रमाण है. सभी सरकारी और निजी संस्थान इसे आय प्रमाण के रूप में स्वीकार करते हैं. कई बार ऐसा होता है कि अगर आप किसी बैंक से लोन के लिए आवेदन करते हैं तो बैंक आपसे आईटीआर मांगता है. यानी अगर आप नियमित रूप से आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको बैंक से आसानी से लोन मिल सकता है.
Source : News Nation Bureau