आपको आए दिन टीवी, अखबारों या होर्डिंग्स (Hoardings) पर SIP यानि सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (Systematic Investment Plan) के बारे में जानकारी देखने को मिल जाती है. लोगों को बताया जाता है कि SIP (SIP Calculator) में निवेश करते ही आपकी सभी फाइनेंशियल प्रॉब्लम झट से खत्म हो जाएंगी. लेकिन क्या ऐसा है. हम इस रिपोर्ट में SIP (SIP Kya Hai) से जुड़ी हर उस बात की चर्चा करेंगे जिसको लेकर आपके मन में कई सवाल उठते रहते हैं.
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म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए SIP क्यों है जरूरी
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए SIP को सबसे अच्छा तरीका माना जाता है. SIP के जरिए निश्चित रकम को तय समय के अंतराल में निवेश किया जाता है. बाजार के जानकार कहते हैं कि SIP म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सबसे बढ़िया तरीका है और इसके जरिए निवेशकों में बचत की आदत पड़ती है. यही नहीं SIP के जरिए लॉन्ग टर्म में अच्छा खासा फंड बनाया जा सकता है.
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कैसे काम करता है एसआईपी (SIP)
SIP के जरिए निवेश के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश का फॉर्म जमा करना होगा. इस फॉर्म में SIP के जरिए निवेश करना है इसका चुनाव करना जरूरी है. निवेशकों को फॉर्म में ही ऑटो डेबिट का Mandate भी देना होगा. Mandate देने से निवेशकों के खाते से हर महीने निश्चित रकम खुद बा खुद कट जाती है. निवेशकों द्वारा SIP के जरिए जमा की गई रकम से म्यूचुअल फंड स्कीम में यूनिट्स खरीदी जाएगी. इन यूनिट्स को उस दिन के भाव पर खरीदा जाएगा.
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बता दें कि MF की यूनिट के भाव में बदलाव होता रहता है. ऐसे में हो सकता है कि निवेशकों को 1 यूनिट सस्ते में मिले और कोई यूनिट महंगे में मिले. SIP के जरिए निवेशकों को औसत भाव पर Mutual Fund की यूनिट्स खरीदने का मौका मिल जाता है, जिससे निवेशकों का निवेश काफी हद तक सुरक्षित हो जाता है. इसके अलावा लंबी अवधि में मोटा मुनाफा होने की भी संभावना बढ़ जाती है.