EPFO ने पीएफ की ब्याज दरों में की कटौती, जानिए क्या है वजह, आप ऐसे होंगे प्रभावित

पिछले 7 वर्षों में यह भविष्य निधि पर सबसे कम ब्याज है. ईपीएफओ के 6 करोड़ से अधिक सक्रिय ग्राहक हैं.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
EPFO

ईपीएफओ( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

Advertisment

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO): ईपीएफओ (Employees Provident Fund Organisation) ने कर्मचारियों को प्रॉविडेंट फंड (Provident Fund) के ऊपर मिलने वाले ब्याज दर को कम कर दिया है. श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि 8.5 प्रतिशत की कम ब्याज दर 700 करोड़ रुपये की बचत छोड़ देंगी. आपके पीएफ में जमा पैसों पर इस वित्तीय वर्ष में पिछले साल की तुलना में कम ब्याज मिलेगा. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 2019-20 के लिए पिछले वित्त वर्ष में 8.65 प्रतिशत की दर से 0.15 फीसदी की कटौती करके 8.50 कर दिया है. पिछले 7 वर्षों में यह भविष्य निधि पर सबसे कम ब्याज है. ईपीएफओ के 6 करोड़ से अधिक सक्रिय ग्राहक हैं. श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि 8.5% का ब्याज 700 करोड़ रुपये की बचत छोड़ देगा.

इस वजह से ब्याज दरों में की गई कटौती 
चालू वित्त वर्ष के लिए EPFO ​​की आय अनुमानों के आधार पर ब्याज दर तय करने के लिए वित्त समिति और केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की गुरुवार को बैठक हुई दोनों की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है. आपको बता दें कि सीबीटी ईपीएफओ का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है. इस बैठक में हिस्सा लेने वाले दो अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में 2018-19 के ब्याज दर को बनाए रखने में लगभग 350 करोड़ रुपये का घाटा हुआ.

यह भी थी कटौती की वजह
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो EPFO ने 18 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है. जिसमें से लगभग 4500 करोड़ रुपये दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज में लगाए गए हैं. इन दोनों को ही अब भुगतान करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. डीएचएफएल जहां बैंकरप्सी रिजॉल्यूशन प्रॉसेस से गुजर रही है, वहीं IL & FS को बचाने के लिए सरकारी निगरानी में काम चल रहा है.

दो अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस बैठक में हुई गणना के मुताबिक 8.65% की 2018-19 ब्याज दर को बनाए रखने में लगभग 350 करोड़ रुपये का घाटा हुआ होगा, जबकि 8.45% की कटौती के परिणामस्वरूप 1,000 करोड़ रुपये का फायदा होगा. वित्त मंत्रालय ईपीएफओ को कुल ब्याज दर परिदृश्य के अनुरूप को 8% से कम करने के लिए दर घटा रहा है. इसके अलावा यह भी वजह बताई गई है कि आर्थिक मंदी और बढ़ती महंगाई के मद्देनजर समग्र दर व्यवस्था को करीब से देखा जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान अपनी प्रमुख नीतिगत दर पर यथास्थिति बनाए रखी थी.

6 करोड़ कर्मचारियों के ऊपर पड़ेगा असर
EPFO के इस फैसले के बाद करीब 6 करोड़ कर्मचारियों के ऊपर बड़ा असर पड़ने की संभावना है. बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ-EPFO) के शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में ये फैसला लिया गया है. गौरतलब है कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड ही PF के ऊपर ब्याज दर को लेकर फैसला लेता है. हालांकि वित्त मंत्रालय की सहमति इस फैसले के लिए जरूरी है.

अब क्या होगा?
सीबीटी की सिफारिश को अब वित्त मंत्रालय से अनुसमर्थन की आवश्यकता होगी. अधिवेशन के मुताबिक, ईपीएफओ की सीबीटी ब्याज दर की सिफारिश करने के बाद, इसे वित्त मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए, जिसके बाद यह ब्याज ईपीएफओ के ग्राहकों के खातों में जमा हो जाता है. आपको बता दें कि मंत्रालय ने पिछले साल 8.65% की ब्याज दर को मंजूरी देने से पहले IL & FS और इसी तरह की जोखिम भरी संस्थाओं के अधिशेष स्तर और फंड के एक्सपोजर पर सवाल उठाया था.

Source : News Nation Bureau

epfo finance-ministry EPFO cuts rate of Interest EPFO cuts Interest on PF Santosh Ganwar
Advertisment
Advertisment
Advertisment