नए साल में आपकी सैलरी (Salary) के स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बेसिक सैलरी में अलाउंसेस (Allowances) का कुछ हिस्सा शामिल होने की संभावना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार और कंपनियों के बीच इसको लेकर सहमति भी बन गई है. हालांकि नया स्ट्रक्चर लागू होने पर आपकी बेसिक सैलरी कुल सैलरी से 50 फीसदी से कम नहीं हो सकती है. फिलहाल अलाउंसेस की परिभाषा क्या होगी इसे सरकार को तय करना है. इंडस्ट्री के साथ इस विषय पर चर्चा हो रही है. नए प्रस्ताव से आपकी बेसिक सैलरी बढ़ जाएगी. साथ ही प्रॉविडेंट फंड (PF) का योगदान भी बढ़ जाएगा. हालांकि इस फैसले के बाद आपकी टेक होम सैलरी में कुछ कमी भी हो सकती है.
यह भी पढ़ें: Budget 2020: इनकम टैक्स की दरों को लेकर बड़ा फैसला ले सकती है मोदी सरकार
कंपनियां चाहती हैं ये जवाब
हालांकि कंपनियां कुछ सवालों के जवाब भी चाहती हैं. कंपनियां बेसिक सैलरी में अलाउंस का कितना योगदान होगा और उसमें कितना जोड़ा जाएगा इसपर स्पष्टता चाहती हैं. इसके अलावा कंपनियां बेसिक सैलरी में कौन से अलाउंस हिस्सा होंगे और कौन से अलाउंस बाहर होंगे इस पर भी स्पष्टता चाहती हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडस्ट्री नए प्रस्ताव पर इस शर्त पर तैयार है कि सरकार पहले अलाउंस की स्पष्ट कैटेगरी तय करे.
यह भी पढ़ें: Budget 2020: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगामी बजट को लेकर इंडस्ट्री के साथ की अहम चर्चा
बेसिक सैलरी में HRA बाहर रखने का प्रस्ताव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए प्रस्ताव में बेसिक सैलरी में HRA को बाहर रखने की बात कही गई है. इसके अलावा अन्य अलाउंस का 50 फीसदी बेसिक में शामिल होगा. साथ ही PLI यानी परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव को अलाउंस नहीं माना जाएगा. इंडस्ट्री की सरकार से मांग है कि पहले यह स्पष्ट किया जाए कि कौन से अलाउंस को बेसिक सेलरी में जोड़ा जाएगा और कौन से अलाउंस को बाहर रखा जाएगा. इसके अलावा उनकी मांग है कि इस प्रस्ताव को सभी सेक्टर के ऊपर यूनिफॉर्म रूप से लागू नहीं किया जाए.
Source : News Nation Bureau