AGR Case Hearing Today 17 Aug 2020: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पिछली सुनवाई (14 अगस्त) में अपने आदेश में कहा था कोर्ट समझ रहा है कि रिलायंस जियो मौजूदा समय में रिलायंस कम्यूनिकेशंस के स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल कर रहा है. कोर्ट ने रिलायंस कम्यूनिकेशंस और रिलायंस जियो को स्पेक्ट्रम शेयरिंग एग्रीमेंट का पूरा ब्यौरा देने को आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा कि रिलायंस जियो के साथ हुए स्पेक्ट्रम शेयरिंग एग्रीमेंट को रिकॉर्ड में होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हम NCLT या NCLAT के किसी भी आदेश को मानने के लिए बाध्य नहीं है. मामले की सुनवाई आज यानि सोमवार (17 अगस्त) को 3 बजे से शुरू हो गई है.
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जानिए आज कोर्ट में क्या क्या हुआ
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया था कि स्पेक्ट्रम का उपयोग करने वाली संस्था को AGR बकाया का निर्वहन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम साझा करना स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग से अलग मामला है. आईबीसी के तहत स्पेक्ट्रम की बिक्री पर कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के विचारों से दूरसंचार मंत्रालय के विचार भिन्न है. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के मुताबिक IBC के तहत स्पेक्ट्रम की बिक्री नहीं की जा सकती है.
जस्टिस अरुण मिश्रा ने सॉलिसिटर जनरल से सवाल पूछा कि आप अनिवार्य रूप से तर्क दे रहे हैं कि स्पेक्ट्रम उनके स्वामित्व में नहीं है? तुषार मेहता ने कहा कि मैंने हमेशा यह कहा है कि देश के लोग और सरकार इसकी असली मालिक हैं. तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि अनुबंध के तहत टेलीकॉम कंपनियों को दिए गए स्पेक्ट्रम का उपयोग और स्वामित्व स्थानांतरित नहीं होता है. उन्होंने कहा कि स्पेक्ट्रम को IBC के तहत संपत्ति के रूप में परिभाषित नहीं किया गया है.
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तुषार मेहता ने कहा कि 14 मार्च, 2019 को दूरसंचार मंत्रालय ने आरकॉम को एक नोटिस जारी किया था कि क्यों न हम उनके स्पेक्ट्रम को रद्द कर दें क्योंकि वे इसके लिए भुगतान नहीं कर रहे हैं? सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वर ने कहा कि हम RComm के खिलाफ उठाई गई वर्षवार मांगों की जानकारी चाहते हैं. सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को आरकॉम से उठाई गई वर्षवार मांगों की जानकारी दी. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि आरकॉम के लिए अभी तक रिजोल्यूशन प्लान को मंजूरी नहीं दी गई है.
आरकॉम के वकील श्याम दीवान ने रिजोल्यूशन प्लान से संबंधित दस्तावेजों को कोर्ट के सामने रखा. सुप्रीम कोर्ट के आब्जर्वर ने कहा कि IBC से पहले Jio को प्रस्तावित बिक्री के समय आरकॉम ने 35 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति का दावा किया था. उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि सारी संपत्ति कहां चली गई और संपत्ति का मूल्य इतना कम कैसे हो गया है? इस पर श्याम दीवान ने कहा कि वह इसके लिए जानकारी मांगेंगे. जस्टिस मिश्रा ने कहा कि इन बातों पर ध्यान दीजिए.
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जस्टिस मिश्रा ने कहा कि हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जानना चाहते हैं जो वास्तव में स्पेक्ट्रम को साझा कर रहा है और स्पेक्ट्रम का उपयोग कर रहा है. उसे राजस्व साझा करने के लिए जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए? उन्होंने कहा कि कोर्ट सरकार से इस बारे में पूरा विवरण चाहती है. सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि सुप्रीम कोर्ट एजीआर बकाए की रिकवरी के लिए जो भी निर्णय लेगा. सरकार उसका समर्थन करेगी. मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी.