केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नई दूरसंचार नीति को मंजूरी दे दी। इस नई नीति को राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति (एनडीसीपी), 2018 का नाम दिया गया है। इसके तहत 2022 तक क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने और 40 लाख रोजगार के अवसरों के सृजन का लक्ष्य है। दूरसंचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर संचार प्रणालियों में तेजी से प्रगति हो रही है। 5जी, इंटरनेट आफ थिंग्स और मशीन टु मशीन संचार आदि क्षेत्रों में यह प्रगति विशेष रुप से तेज है।
सिन्हा ने कहा कि इस समय उपभोक्ताओं पर केंद्रित और एप्लिकेशन (उपयोग से प्रेरित) नीति लाने की जरूरत महसूस की जा रही थी। नीति के मसौदे के तहत एनडीसीपी द्रुत गति की ब्रॉडबैंड पहुंच बढ़ाने, 5जी और आप्टिकल फाइबर जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकी के उचित मूल्य में इस्तेमाल पर केंद्रित है।
सिन्हा ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में दूरसंचार क्षेत्र का हिस्सा बढ़कर आठ प्रतिशत पर पहुंच जाएगा जो अभी छह प्रतिशत है। हमें क्षेत्र में 100 अरब डॉलर का निवेश आने की उम्मीद है।' उन्होंने कहा कि हमारी सोच एक देशव्यापी, लचीले, सुरक्षित और उचित मूल्य वाले संचार ढांचे की है।
राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति का 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य
# एनडीसीपी 2018 का मुख्य उद्देश्य सभी तक ब्रॉडबैंक तक पहुंच उपलब्ध कराना
# डिजिटल संचार क्षेत्र में 40 लाख नए रोजगार के अवसरों का सृजन करना
# वैश्विक आईसीटी इंडेक्स में भारत की रैंकिंग सुधारकर उसे 50 स्थान पर लाना शामिल है।
# जीडीपी में डिजिटल संचार क्षेत्र के योगदान को वर्ष 2017 में 6 फीसदी की तुलना में बढ़ाकर 8 फीसदी करना
# वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत के योगदान को बढ़ाना और डिजिटल संप्रभुता सुनिश्चित करना
राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति का मिशन
# सभी नागरिक को 50 एमबीपीएस पर सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना।
# भारत के सभी ग्राम पंचायतों को 2020 तक 1 जीबीपीएस और 2022 तक 10 जीबीपीएस कनेक्टिविटी पहुंचाने का लक्ष्य
# कवर नहीं किए गए सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना।
# डिजिटल संचार क्षेत्र में 100 अरब डॉलर के निवेश को आकर्षित करना।
# सरकार का लक्ष्य नए डिजिटल दौर के अनुरूप कौशल निर्माण के लिए 10 लाख लोगों को प्रशिक्षण देना।
# डिजिटल संचार के लिए व्यापक डेटा सुरक्षा प्रणाली स्थापित कर लोगों की गोपनीयता की रक्षा करना और वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था की राह को आसान करना।
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इसमें डिजिटल संचार तक सतत और कम मूल्य में पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 'स्पेक्ट्रम के अधिकतम मूल्य' के प्रावधान को शामिल किया गया है। स्पेक्ट्रम का ऊंचा मूल्य और अन्य संबंधित शुल्क दूरसंचार सेवा क्षेत्र की प्रमुख चिंता है। इस क्षेत्र पर करीब 7.8 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है।
Source : News Nation Bureau