दूरसंचार उद्योग (Telecom Industry) के संगठन सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (Cellular Operators Association of India-COAI) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार से दूरसंचार कंपनियों पर सांविधिक बकाये के भुगतान की शर्तों को आसान करने को कहा है. सीओएआई ने कहा कि संकट में फंसे क्षेत्र को उबारने के लिए जरूरी है कि सरकार समायोजित सकल राजस्व (AGR) की देनदारियों को चुकाने को दूरसंचार कंपनियों को निचली दर पर कर्ज उपलब्ध कराए. इसके अलावा न्यूनतम कीमतों का क्रियान्वयन भी तेजी से किया जाए। दूरसंचार उद्योग इस समय गहरे संकट में फंसा है.
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सरकार को इंडस्ट्री के साथ खड़ा होना चाहिए: COAI
एसोसिएशन ने इस बात पर चिंता जताई है कि बैंक क्षेत्र को लेकर जोखिम उठाने को तैयार नहीं हैं. सीओएआई ने कहा कि बैंकों को इस बारे में स्पष्ट संदेश दिया जाना चाहिए कि सरकार क्षेत्र के साथ खड़ी है. सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने दूरसंचार सचिव अंशु प्रकाश को लिखे पत्र में कहा कि बैंक अभी दूरसंचार क्षेत्र के साथ जोखिम लेने को तैयार नहीं हैं. बैंक दूरसंचार कंपनियों को नयी बैंक गारंटी जारी करने या बैंक गारंटी के नवीकरण से इनकार कर रहे हैं. दूरसंचार क्षेत्र से कहा जा रहा है कि वे अपना ऋण घटाएं. पत्र में कहा गया है कि लाइसेंस शुल्क भुगतान के लिए वित्तीय बैंक गारंटी की अनिवार्यता को समाप्त किया जाना चाहिए.
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वित्तीय बैंक गारंटी को घटाकर लाइसेंस शुल्क का 25 फीसदी किया जाए
सीओएआई ने कहा कि यदि दूरसंचार विभाग को लगता है कि वित्तीय बैंक गारंटी जरूरी है तो इसे घटाकर लाइसेंस शुल्क का 25 प्रतिशत किया जाना चाहिए. इसके साथ ही लाइसेंस शुल्क को तत्काल आठ से घटाकर तीन प्रतिशत किया जाना चाहिए. साथ ही स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क में भी कटौती की जानी चाहिए. मैथ्यूज ने कहा कि चीन, ब्राजील और रूस जैसे बाजारों की तुलना में भारत में प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) काफी कम है.
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ऐसे में क्षेत्र को टिकाऊ बनाने के लिए न्यूनतम कीमत को लागू किया जाना जरूरी है. सीओएआई ने यह पत्र 26 फरवरी को भेजा है. वहीं वोडाफोन आइडिया भी सरकार को स्पष्ट कर चुकी है कि यदि उसे कोई प्रोत्साहन पैकेज नहीं मिलता है तो वह पूरे एजीआर बकाये का भुगतान नहीं कर पाएगी. कुल मिलाकर 15 दूरसंचार इकाइयों पर 1.47 लाख करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया है.