रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) का मुनाफा मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़ गया है. दरअसल, जियो ने एसेट लीज के लिए नया एकाउंटिंग स्टैंडर्ड अपनाया है. इसके अलावा इंटरकनेक्ट और कर्मचारियों की लागत कम रहने की वजह से मुनाफे में बढ़ोतरी देखने को मिली है. बता दें कि रिलायंस जियो के एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) यानि प्रति ग्राहत औसत आमदनी में उम्मीद से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई है.
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बाजार में बने रहने के लिए कम रख सकता है टैरिफ
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 4G जियोफोन की बिक्री में गिरावट दर्ज की जा रही है. कंपनी के टावर एसेट्स में ब्रुकफील्ड ने 25 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया हुआ है. जियो बाजार में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए अपने टैरिफ को कम रख सकता है. बता दें कि अगर जियो टैरिफ में कमी करता है तो वोडाफोन आइडिया से रेवेन्यू मार्केट शेयर (RMS) निकलकर भारती एयरटेल के पास जा सकता है.
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बाजार के जानकारों का कहना है कि एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) में कमी के बावजूद जियो ने अच्छा प्रदर्शन किया है. जियो ने कर्मचारियों को टावर और फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट में भेजने से कर्मचारी लागत में तिमाही आधार पर 14 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. लागत में कमी की वजह से कंपनी के परिचालन मुनाफे में मजबूती देखने को मिल रही है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टावर एसेट के लिए अप्रैल से इंड-AS 116 एकाउंटिंग स्टैंडर्ड अपनाने की वजह जियो का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 3,710 करोड़ रुपये के अनुमान से 370 करोड़ रुपये अधिक 4,670 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है. बता दें कि जून तिमाही में सालाना आधार पर जियो का शुद्ध मुनाफा 46 फीसदी बढ़कर 891 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है.
HIGHLIGHTS
- रिलायंस जियो (Reliance Jio) का मुनाफा मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बढ़ा
- जियो का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 3,710 करोड़ के अनुमान के मुकाबले 4,670 करोड़ रुपये दर्ज किया गया
- जून तिमाही में सालाना आधार पर जियो का शुद्ध मुनाफा 46 फीसदी बढ़कर 891 करोड़ रुपये रहा