Jio के ग्राहकों को अब देश के रिमोट क्षेत्रों में भी तेज इंटरनेट और साफ बातचीत की सुविधा मिलेगी। इसके लिए कंपनी सैटेलाइट का सहारा लेने जा रही है। कंपनी इसके लिए इसरो से सैटेलाइट और ह्यूजेस कम्युनिकेशंस से तकनीक ले रही है।
10 मिलियन डॉलर का ठेका दिया
जियो की करीब 400 साइट ऐसी हैं जहां जमीनी आधार पर सही तरीके से सिग्नल पहुंचाना कठिन हो रहा है। कंपनी इन साइट्स और ऐसी ही अन्य साइट पर सैटेलाइट के माध्यम से सिग्नल पहुंचाने के लिए ह्यूजेस कम्युनिकेशंस (एचसीआईएल) से तकनीकि समझौता किया है। ईटी के साइट के अनुसार यह समझौता करीब 10 मिलियन डॉलर का है।
नई होगी यह तकनीक
देश की ज्यादातर मोबाइल कंपनियां टॉवर तक सिग्नल पहुंचाने के लिए माइक्रोबेव तकनीक का सहारा लेती रही हैं। बाद में यह काम आप्टिकल फाइबर का जाल डाल कर किया जाने लगा। लेकिन इसके बाद भी देश के रिमोट क्षेत्र में सिग्नल पहुंचाना कठिन साबित हो रहा है।
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अर्थ स्टेशन बनाए जा रहे
Jio सैटेलाइट सिग्नल रिसीव करने के लिए मुम्बई और नागपुर में अर्थ स्टेशन तैयार कर रही है। इसके अलावा लेह और पोर्टब्लेयर में भी दो छोटे अर्थ स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इनके माध्यम से कंपनी रिमोट क्षेत्र में अच्छे सिग्नल पहुंचाने का प्रयास करेगी। इससे न सिर्फ न अच्छी बातचीत हो सकेगी बल्कि इंटरनेट की गति भी ज्यादा मिलेगी।
Source : News Nation Bureau