केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने दूरसंचार के लाइसेंस नियमों (Telecom License Rules) में संशोधन कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए नियमों के तहत सभी गैर-दूरसंचार राजस्व, संपत्ति की बिक्री, डिविडेंड, ब्याज और किराये समेत अन्य को लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क की गणना से बाहर कर दिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूरसंचार परिचालकों पर टैक्स के बोझ को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने यह कदम उठाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार के द्वारा किया गया यह संशोधन दूरसंचार पैकेज का ही हिस्सा है.
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सुप्रीम कोर्ट ने AGR की पुरानी परिभाषा को बरकरार रखा
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व (Adjusted Gross Revenue-AGR) की पुरानी परिभाषा को बरकरार रखा हुआ है और उसकी वजह से भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) समेत टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स पर तकरीबम 1.47 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ा है. नए संशोधन के तहत कंपनियों के सकल राजस्व में से इन स्रोतों की आय को घटाने के बाद लागू AGR का कैल्कुलेशन किया जाएगा और उसके बाद पुराने नियम के तहत पहले से छूट पाने वाली कैटेगरी जैसे रोमिंग आय, इंटरकनेक्शन शुल्क और माल एवं सर्विस टैक्स को घटा दिया जाएगा. इसके बाद आखिरी समायोजित सकल राजस्व को निकाला जाएगा. बता दें कि सरकार के द्वारा इसी के आधार पर राजस्व में हिस्सेदारी की गणना की जाती है.
नया संशोधन 1 अक्टूबर 2021 से लागू
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूरसंचार विभाग का कहना है कि नया संशोधन 1 अक्टूबर 2021 से लागू हो चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए संशोधन के बाद विभिन्न गैर दूरसंचार राजस्व के स्रोतों पर मिलने वाली छूट से शुल्क में कमी का अनुमान है.
HIGHLIGHTS
- नए संशोधन के बाद विभिन्न गैर दूरसंचार राजस्व के स्रोतों पर मिलने वाली छूट से शुल्क में कमी का अनुमान
- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूरसंचार विभाग का कहना है कि नया संशोधन 1 अक्टूबर 2021 से लागू हो चुका है