रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि केंद्रीय बैंक दूरसंचार क्षेत्र पर समायोजित सकल आय (AGR) के बकाए के मामले पर करीबी नजर रखे हुआ है. दूरसंचार कंपनियों (Telecom Companies) पर 1.47 लाख करोड़ रुपये का सांविधिक बकाया है और दूरसंचार कंपनियों के चूक की स्थिति में बैंकों पर इसका प्रभाव पड़ेगा. दास ने कहा कि अब तक कहीं से चूक के खतरे की को कोई चेतावनी नहीं आयी है लेकिन केंद्रीय बैंक स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है.
यह भी पढ़ें: अर्थव्यवस्था में दिख रही तेजी को संभालने की जरूरत, RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का बड़ा बयान
पिछले हप्ते सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को लगाई थी कड़ी फटकार
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने पिछले सप्ताह भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइडिया लि. (Vodafone Idea) की भुगतान समयसीमा बढ़ाने के आग्रह वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया और उसने 17 मार्च तक स्पेक्ट्रम और लाइसेंस को लेकर 1.47 लाख करोड़ रुपये बकाया जमा करने को कहा. कुछ दूरसंचार कंपनियां पहले बढ़ते घाटे और कर्ज से जूझ रही हैं. ऐसे में अतिरिक्त देनदारी से मौजूदा कर्ज लौटाने में चूक को लेकर चिंता बढ़ी है. दास ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के फैसले पर कुछ नहीं कह सकते.
यह भी पढ़ें: Honda के साथ बिजनेस शुरू करने का शानदार मौका, जानें कैसे कमा सकेंगे लाखों रुपये
उन्होंने कहा कि इसका बैंक क्षेत्र पर पड़ने वाले असर को लेकर हम चीजों पर नजर रख रहे हैं. यह इस बात पर निर्भर करता है कि संबंधित कंपनियां कैसे भुगतान करती हैं और कब भुगतान करने में सक्षम होती हैं. हमारी इस पर नजर है. दास ने फिलहाल केंद्रीय बैंक को किसी दूरसंचार कंपनी द्वारा चूक को लेकर खतरे की चेतावनी नहीं दी गयी है. हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र पिछले दो दशकों से देश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं. इस क्षेत्र ने बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों की मांग के साथ-साथ रोजगार सृजित किया है. यह ठीक उसी प्रकार है जैसा कि स्वर्णिम चतुर्भुज योजना और सूचना प्रौद्योगिक क्षेत्र के मामले में है. दास ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र में काफी विस्तार हुआ है. भारत उसका उपयोग करने में सक्षम रहा है.