टेलिकॉम ट्राइब्यूनल टीडीसैट (TDSAT) के फैसले से पुरानी टेलीकॉम कंपनियों को राहत मिलेगी. टेलिकॉम ट्राइब्यूनल टीडीसैट (TDSAT) ने टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के प्रिडेटरी प्राइसिंग के बारे में जानकारी देने वाले सिग्निफिकेंट मार्केट पॉवर (SMP) की परिभाषा बदलने पर रोक लगा दी है. जानकारों की राय में अगर यह नियम बदल जाता तो रिलायंस जियो (Reliance Jio) को भारी फायदा हो सकता था. उम्मीद के इस फैसले से एयरटेल (Airtel) और वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) को राहत मिलेगी.
टेलिकॉम ट्राइब्यूनल टीडीसैट (TDSAT) ने यह आदेश गुरुवार को जारी किया है. टेलिकॉम ट्राइब्यूनल टीडीसैट (TDSAT) ने कहा कि जियो (Jio) जैसी नई कंपनी को मार्केट सब्सक्राइबर या रेवेन्यू में 30% शेयर तक हासिल करने के लिए मूल्य निर्धारण में सहूलियत देने वाले रेगुलेटरी ऑर्डर को देखकर लगता है कि टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने मूल्य निर्धारण से जुड़ी शर्तों और उनके अनुपालन के संदर्भ में अपनी पावर का बेजा इस्तेमाल किया है.
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टेलिकॉम ट्राइब्यूनल टीडीसैट (TDSAT) के अनुसार बाजार में उतरने वाली नई कंपनी को नॉन-प्रिडेटरी हालात से बचाने की अगर जरूरत है तो यह काम वेलकम ऑफर और प्रमोशनल ऑफर जैसे कदमों के जरिए किया जा सकता है.
एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया को हो फायदा
टेलिकॉम ट्राइब्यूनल टीडीसैट (TDSAT) के फैसले से भारती एयरटेल (Airtel) और वोडाफोन-आइडिया (Vodafone-Idea) को ज्यादा फायदा हो सकता है. ये सब्सक्राबर्स को साथ रखने के लिए कस्टमाइज्ड डिस्काउंट ऑफर करती रह सकती हैं. इन्हें रेगुलेटर इसकी रिपोर्ट देने या सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं होगी.
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6 माह में समीक्षा आ आदेश
टेलिकॉम ट्राइब्यूनल टीडीसैट (TDSAT) ने ट्राई से प्रिडेटरी प्राइसिंग रेगुलेशन के प्रोविजंस की समीक्षा छह महीने के भीतर करने के लिए कहा है. हालांकि उसने उन मामलों में टेलिकॉम कंपनियों के उन इंडिविजुअल टैरिफ प्लांस की जांच की व्यवस्था बहाल रखी है जो उन्हें भेदभावपूर्ण लगती हों.
Source : News Nation Bureau