Christmas 2022: क्रिसमस का पर्व बिना क्रिसमस ट्री (Christmas tree) के कल्पना भी नहीं किया जा सकता है. इस पेड़ को पर्व का प्रतीक माना जाता है. लोग इसे घर में सजाते हैं. इसकी डालियों को लाइटें, छोटे-छोटे सितारे, टॉफी के पैक या कृत्रिम उपहारों से सजाया जाता है. इस पेड़ को रंगीन बनाने का प्रयास किया जाता है. यह आम तौर पर स्प्रूस, पाइन या देवदार के पेड़ होते हैं. क्रिसमस पर्व पर इस पेड़ का होना अनिवार्य है, पर आपको क्या मालूम है कि इस पेड़ का इस्तेमाल यीशु मसीह के जन्म से पहले भी हुआ करता था.
1510 लातविया के रीगा में प्रदर्शित किया गया
यीशु मसीह के जन्म से पहले इसका उपयोग सर्दियों के मौसम को मनाने के लिए होता था. इस दौरान लोग शीतकालीन संक्रांति को मनाने के लिए इस पेड़ से घरों को सुशोभित करते थे. सदाबहार पेड़ों की शाखाओं का उपयोग होता है. क्रिसमस ट्री को सबसे पहले सन 1510 लातविया के रीगा में प्रदर्शित किया गया था. कृत्रिम क्रिसमस ट्री को सबसे पहले 19वीं शताब्दी में जर्मनी में तैयार किया गया था. ये पेड़ हंस के पंखों से तैयार किए जाते थे. ये हरे रंग में रंगे हुए थे और तार की शाखाओं से जुड़े थे. पेड़ों की खाद्य पदार्थों से सजावाट की जाती थी. जर्मनी में क्रिसमस ट्री की वेफर्स, सेब, जिंजरब्रेड और मिठाइयों से सजावट की गई थी.
क्रिसमस पेड़ हमेशा से देवदार पेड़ नहीं रहा है. विभन्न देश त्योहार को लेकर अलग-अलग तरह के पेड़ों का उपयोग करते हैं. जैसे न्यूजीलैंड में लाल फूलों वाले 'पोहुताकावा' वृक्ष का इस्तेमाल किया जाता है.
असली क्रिसमस पेड़ का चलन बढ़ा
आज के दौर में विदेशों में असली क्रिसमस पेड़ का चलन बढ़ गया है. अमेरिका में हर साल करीब 25 से 30 मिलियन असली क्रिसमस ट्री को बेचा जाता है. ज्यादातर ट्री क्रिसमस ट्री फार्म से आते हैं. क्रिसमस ट्री पानी को ज्यादा सोखता है. क्रिसमस ट्री कटने के बाद भी जीवित रहता है. यह प्रति दिन एक लीटर पानी पी सकता है. पानी देने पर यह जीवित रहता है.
क्रिसमस ट्री लगाने के फायदे
चीनी वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में इसे लगाने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है. ऐसा माना जाता है कि जिस घर में यह लगा रहता है, वहां पर परिवार की एकता बनी रहती है. घर-परिवार में खुशियों का माहौल होता है. वहीं इस ट्री के खेती के कई लाभ हैं. क्रिसमस वृक्षारोपण से जैव विविधता को बढ़ावा मिलता है. इससे अन्य जीवों को अपने आवास बनाने के लिए सहायता मिलती है. इसके साथ क्षेत्र की हवा से धूल के साथ परागकणों को हटाने में भी मदद मिलती है.
Source : News Nation Bureau