Basit Ali On Team India Win Against Bangladesh: भारतीय टीम ने चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट मैच में बांग्लादेश को 280 रनों से हराकर जीत हासिल की और सीरीज में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली है. टीम इंडिया की इस जीत की चर्चा पाकिस्तान में भी हो रही है. पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली ने पीसीबी की क्लास लगाई है और ये तक कह दिया है कि ये लोग जाहिर हैं.
बासित अली ने
भारत-बांग्लादेश के बीच खेले गए चेन्नई टेस्ट मैच में गेंदबाजों का जलवा देखने को मिला. तेज गेंदबाजों ने पहली पारी में विकेटचटकाऊ गेंदबाजी की, तो दूसरी पारी स्पिनर्स के नाम रही.
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली ने अपने यूट्यूब चैनल पर भारतीय गेंदबाजों के बारे में बात करते हुए कहा, ''पूरे मैच में जसप्रीत बुमराह ने 5 विकेट चटकाए. अश्विन ने छह, जडेजा ने 5 जबकि मोहम्मद सिराज और आकाश दीप ने दो-दो विकेट लिए. इस तरह 20 विकेट गिरे. गेंदबाजों ने अपना काम बखूबी किया. भारत ने दो स्पिनर को उतारा क्योंकि उन्हें मालूम था कि चौथी पारी में बॉल स्पिन होगी. इसका क्रेडिट पिच क्यूरेटर को जाता है. उन्हें ऐसी पिच बनाना आती है, जिसपर टेस्ट खेला जाता है और जीतकर निकला जाता है. हमारी तरह नहीं है, वहां का सिस्टम.''
भारत और पाकिस्तान में है अंतर
हाल ही में बांग्लादेश की टीम पाकिस्तान को 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप करके आई है. वहीं, भारत के साथ खेले गए मैच में बांग्लादेश को एक बड़ी हार का सामना करना पड़ा. इसपर बासित अली ने कहा कि भारत और पाकिस्तान की टीमों में फर्क है. बासित ने कहा, ''भारत ने पहला टेस्ट आसानी से जीत लिया. भारत और पाकिस्तान की टीम में बहुत फर्क है. बांग्लादेश को यह समझ आ गया होगा. भारत ने बता दिया कि उनके और बांग्लादेश के क्रिकेट में क्या फर्क है.''
जाहिर हैं ये लोग
बासित अली ने भारत की जीत की बात करते हुए पीसीबी को आड़े हाथ लिया और तो और उन्हें जाहिल तक कह डाला. उनका कहना है कि, ''हमारे देश में कहा जाता है कि पिच की कोई अहमियत नहीं है. जाहिल लोग हैं, जिन्होंने सामान उठाकर क्रिकेट खेला है, वो आजकल बोर्ड में लगे हुए हैं. इसलिए गुस्सा आता है. यह बच्चों को क्या सबक सिखा रहे हैं. 50% प्रॉब्लम तभी हल हो जाती है, जब आप पिच को पढ़ लेते हैं. सुनील गावस्कर और जावेद मियांदाद से पूछिए पिच पढ़ने की अहमियत. अगर पिच पढ़ लेंगे तो आपके लिए सबक आसान हो जाता है. लेकिन यहां लोग नहीं मानते हैं.''