दिन-ब-दिन साइबर अपराध की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. लोग नए-नए तरीको से धोखाधड़ी कर रहे हैं. कभी आरोपी सीबीआई अधिकारी तो कभी पुलिस अधिकारी ही बन जाते हैं. राजस्थान से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां ठगों ने खुद को पुलिस और सीबीआई अफसर बनकर दो लोगों को कॉल किया और उनसे पैसों की मांग की. खास बात है कि दोनों ही घटनाएं धौलपुर की है. आइये सिलसिलेवार से जानते हैं दोनों घटनाएं. साथ ही हम जानेंगे कैसे इन घटनाओं से बचा जा सकता है. क्या-क्या सावधानियां बरतनी आवश्यक है…
पहला मामला
धौलपुर के सैंपऊ के शिवनगर कॉलोनी का है. यहां एक महिला सीमा पवार के पास वॉट्सएप पर कॉल आता है. महिला ने फोन उठाया तो सामने से आवाज आई कि तुम्हारा बेटा छेड़छाड़ के मामले में थानें में बंद है. बेटे को बचाना है तो इस नंबर पर 30 हजार रुपये भेजो. उन्होंने खुद को पुलिस बताया था. महिला ने डरकर अपने पति रिंकू पवार को इसकी जानकारी दी. रिंकू घबराता हुआ थाने पहुंचा और बेटे को जेल में डालने का कारण पूछा. पुलिस को भी कुछ समझ नहीं आया. रिंकू ने फिर विगतवार पूरी कहानी बताई. पुलिस ने उस कॉल वाले नंबर की जांच की तो पता चला नंबर पाकिस्तान का है. रिंकू ने थाने में फ्रॉड कॉल का केस दर्ज करावाया. रिंकू इसके बाद अपने बेटे के स्कूल पहुंचा, उनका बेटा वहीं स्कूल में ही मिला.
दूसरा मामला
धौलपुर शहर के अकाउंट्स अफसर उत्तम चंद्र गोयल के वाट्सएप पर भी कॉल आया. सामने से कहा गया कि आपका बेटा दुष्कर्म के केस में पकड़ाया है. साथ में इसके चार दोस्त भी हैं. अगर बच्चे को जेल भेजा तो इसकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. ठग ने कहा कि मैं आपकी बात सीबीआई अफसर विक्रम आदित्य से करवाता हूं. ठग अब सीबीआई अधिकारी बन कर बात करने लगा और कहा कि आपके बेटे ने बड़ा जुर्म किया है. उसे बचाना है तो आप तुंरत चालीस हजार रुपये भेजिए. इस दौरान पीछे से बच्चों के रोने की भी आवाज आ रही थी. बेटे की मोह में पिता फंस गए और चालीस की बजाये पचास हजार ठगों के खातों में भेज दिया. बाद में उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी.
यह सावधानियां जरूर बरतें
पुलिस एसएचओ गंभीर सिंह का कहना है कि ठगी से बचना आवश्यक है. इसके लिए सावधानियां बरतनी प़ड़ेगी. खासकर कभी भी अनजान नंबर से कॉल न करें. किसी को भी अपना ओटीपी न दें. ठग नए-नए तरीकों से भोले-भाले मासूमों को ठगने की कोशिश करते हैं.