कर्नाटका के बेलगावी शहर की पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है. उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर अपने पति को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस ने उमा पद्मन्नावर को उसकी बेटी संजना की शिकायत पर गिरफ्तार किया है. पत्नी ने अपने रिश्तेदारों को कहा कि दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई. मगर 18 साल की बेटी ने अपने पिता के कातिल यानी अपनी मां को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया. सात जन्मों के रिश्तों को तार तार करने वाली यह कोई फिल्मी कहानी नहीं है,बल्कि कर्नाटका के बेलगावी शहर की यह सच्ची दास्तान है.
संतोष की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई
उमा और संतोष करीब दो दशक पहले पति पत्नी के रिश्ते में बंधे थे, लेकिन 9 अक्टूबर को संतोष की मौत हो जाती है. उमा सभी को कहती है कि संतोष की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई. वह तुरंत संतोष को दाह संस्कार कर देती है,लिंगायत समुदाय की परंपरा के हिसाब से वो संतोष के शव को दफना देती है. मगर जब संतोष और उमा की 18 साल की बेटी संजना बेंगलुरु से बेलगावी पहुंचती है तो उमा की साजिश का पता चलता है.
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सीसीटीवी में सारा फुटेज डिलीट किया गया
संजना के घर पहुंचने से पहले ही उसके पिता का दाह संस्कार किया गया था. इस कारण वह काफी परेशान थी. उसने घर में लगे सीसीटीवी को फुटेज देखनी चाहिए तो सीसीटीवी में सारा फुटेज डिलीट किया गया था. संजना को शक हुआ की उसके पिता की मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई है. उसने पड़ोसी के सीसीटीवी को खंगाला तो पाया कि दो लोग 9 अक्टूबर की सुबह उसके घर पर आए थे. इसके बाद संजना ने अपने मां से सवाल पूछा, लेकिन वह इसका जवाब नहीं दे पाई. अपने रिश्तेदारों से बात करने के बाद संजना ने शहर के मालमारुति पुलिस थाने में शिकायत की. पुलिस ने FIR दर्ज की और जांच शुरू की.
संतोष की बेटी के अनुसार, दाह संस्कार के बाद जब वो घर आई थी, तो उसने कहा कि वह स्नान के बाद सीसीटीवी फुटेज चेक करेगी. उसके बाद जब उसने सीसीटीवी देखा तो वहां कोई फुटेज नहीं थी,वो सब डिलीट की गई थी. इस कारण उसे शक हुआ की कुछ गलत हुआ है, जिसके बाद उसने शिकायत दर्ज की.
मुंह पर तकिया रख कर मार डाला
पुलिस ने जब जांच आगे बढ़ाई तो सारा चीजें बाहर निकलकर आ गईं. संतोष की मौत दिल का दौरा पड़ने से नहीं हुई. पुलिस ने उमा को पूछताछ के लिए बुलाया. पहले उमा ने किसी साजिश से इनकार किया लेकिन जब पुलिस ने सख्ती बरती तो उमा की साजिश कर पर्दाफाश हुआ. पुलिस को पता चला कि उमा ने अपने दो साथियों के साथ मिल कर अपनी पति संतोष की हत्या की है. उमा ने 8 अक्टूबर की रात को संतोष को नींद की गोलियां दी थी. 9 अक्टूबर को सुबह अपने दो साथियों शोभित और पवन के साथ मिलकर संतोष के मुंह पर तकिया रख कर मार डाला.
उमा ने पुलिस को बताया कि उसके और संतोष के बीच हमेशा लड़ाई झगड़ा होता रहता था,जिस वजह से वो काफी परेशान थी. इसी बीच सोशल मीडिया पर उसकी मुलाकात शोभित से हुई. दोनो के बीच नजदीकियां बढ़ी जिसके बाद उमा ने शोभित को अपनी निजी जिंदगी के बारे में बताया और फिर संतोष की हत्या की साजिश रची. इस साजिश के तहत उमा ने संतोष को पहले नींद की गोलियां खाने में मिला कर दी और जब वो बेहोश था तो 9 अक्टूबर की सुबह शोभित और उसका दोस्त पवन उमा के घर पहुंचे और तकिए से दम घोंट कर संतोष को मार डाला और वहां से फरार हुए.
संतोष की हत्या की साजिश रची
उमा को हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने संतोष के शव को बाहर निकाला और पोस्ट मार्टम के लिए भेजा ,वही पुलिस ने शोभित और पवन की तलाश शुरू की लेकिन वो कही नहीं मिले,एक दिन बाद पुलिस ने शोभित और पवन को मंगलुरु से गिरफ्तार किया . उमा और शोभित सोशल मीडिया पर कुछ समय पहले मिले थे और दोस्ती हो गई थी. उमा ने शोभित को कहा था कि संतोष उसके साथ हमेशा झगड़ा करता रहता है, जिसके बाद शोभित ने उमा के साथ मिल कर संतोष की हत्या की साजिश रची थी..
आंखों को दान किया
आम तौर पर किसी भी हत्या के मामले में सीसीटीवी फुटेज ही आरोपी तक पहुंचती है लेकिन यह शायद ऐसा पहला मामला है जहां सीसीटीवी फुटेज न मिलने से आरोपी पकड़े गए. इस हत्या को हार्ट अटैक में बदलने की कोशिश जो उमा ने की थी लेकिन वो अपने ही रचे चक्रव्यू में फंस गई. हत्या के बाद उमा ने संतोष के शव को अस्पताल भी लिया था और उसकी आंखों को दान किया क्योंकि संतोष ने फैसला किया था कि जब भी उनकी मौत होगी, उनकी आंखों को दान किया जाए, लेकिन उमा शायद भूल गई थी कि कोई भी हत्या परफेक्ट मर्डर नहीं होता है.