दिल दहला देने वाली एक घटना में तीन नाबालिग दलित लड़कों को कथित तौर पर गांव के तालाब में तैरने को लेकर पीटा गया और निर्वस्त्र घुमाया गया। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
यह घटना 10 जून (रविवार) को हुई, लेकिन यह वकाडी गांव में लड़कों को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने के कुछ वीडियो के वायरल होने के बाद सामने आई। हालांकि, इस पर अधिकारी कार्रवाई कर रहे थे।
महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री दिलीप कांबले ने मीडिया से कहा कि इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और आगे जांच की जा रही है।
केंद्रीय सामाजिक कल्याण मंत्री रामदास अठावले ने इस घटना की निंदा की और लड़कों पर अत्याचार करने वाले अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
बीते रविवार भारी गर्मी से राहत पाने के लिए तीन लड़के गांव के तालाब में नहाने के लिए कूद गए। इनकी आयु 12 से 14 साल के करीब है।
जब इसके बारे में कुछ स्थानीय लोगों को पता चला तो बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और लड़कों को बाहर निकलने को कहा। इसमें उच्च जाति के लोग भी थे।
वे उन पर बरसे और अपशब्द कहे। इसके बाद कुछ व्यक्तियों ने कथित तौर पर लड़कों को कपड़े निकालने को मजबूर किया और गांव में उन्हें निर्वस्त्र घुमाया।
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लड़कों को केवल चप्पल पहने और कुछ पेड़ के पत्ते पहने हुए देखा जा सकता है, और लड़कों ने एक व्यक्ति के उनके पैरों व पिछले भाग पर छड़ी से मारने पर विरोध जताया।
लड़कों व उनके परिवार ने स्थानीय पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई। लेकिन अब उन पर कुछ प्रभावशाली गांव वालों की वजह से शिकायत लेने का भारी दबाव है।
विपक्षी कांग्रेस व सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के बहुत से दलित व राजनीतिक नेताओं ने इस घटना की निंदा की है और अपराधियों पर एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किए जाने की मांग की है। निंदा करने वालों में पूर्व मंत्री एकनाथ खडसे, गुजरात दलितनेता जिग्नेश मेवानी भी शामिल है।
इस मामले में महाराष्ट्र के मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कार्रवाई का वादा किया है और भारतीय दंड संहिता व एससी/एसटी अधिनियम के तहत धाराएं लगाने की बात कही है।
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Source : IANS