झूठी कोविड रिपोर्ट तैयार करने में शामिल लोगों पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को फर्जी कोविड की रिपोर्ट तैयार करने के लिए मालवीय नगर इलाके से एक डॉक्टर सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. दक्षिणी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) अतुल भाटिया ने कहा कि पुलिस ने मामले में प्रज्ञानंद उर्फ निहाल, हिमांशु शर्मा, डॉ मनीष कुमार सिंह, सतेंद्र और निखिल को गिरफ्तार किया है. डीसीपी ने कहा कि पुलिस को गुरुवार को एक पीसीआर कॉल मिली थी, जिसमें यह उल्लेख किया गया था कि मालवीय नगर में जेनस्ट्रेक्स लैब में नकली कोविड की रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
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उन्होंने बताया कि फोन करने वाले विपुल सैनी के अनुसार इस साल अप्रैल में उन्होंने अपने 45 रिश्तेदारों के हिमांशु और प्रज्ञानंद शर्मा को कोल्ड डिवाइडिंग के लिए सैंपल दिए थे. उन्होंने दावा किया, 25 अप्रैल को, उनके परिचित ऋषभ शुक्ला ने उन्हें अपना नमूना दिया और 26 अप्रैल को उन्होंने कोविड के लिए सकारात्मक परीक्षण किया, लेकिन उनमे कोविड का कोई लक्षण नहीं था. अधिकारी ने कहा कि 28 अप्रैल को शुक्ला ने फिर से स्पाइस हेल्थ लैबोरेटरी को अपना नमूना दिया, जहां उन्होंने नकारात्मक परीक्षण किया.
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अधिकारी ने दावा किया कि 29 अप्रैल को सैनी, हिमांशु शर्मा और प्रज्ञानंद के साथ जेनेस्ट्रेस लैब में गए और क्रॉस चैक किया और पाया कि शुक्ला की कोविड रिपोर्ट इस लैब के रिकॉर्ड में नहीं थी. 'हिमांशु ने तब कहा था कि वह अपने चचेरे भाई प्रज्ञानंद के साथ घर के नमूने एकत्र करता था और जेनेस्ट्रिक्स लैब के रिकॉर्ड में कोई प्रविष्टि किए बिना जेनेस्ट्रिक्स लैब में काम करने वाले सिंह को देता था. डॉ सिंह प्रज्ञानंद के परिणाम को एक्सेल शीट और फिर प्रज्ञानंद के माध्यम से साझा करते थे. भाटिया ने कहा कि जेनस्ट्रेस लैब के फर्जी पत्र पर परिणाम प्रिंट किया जाता है जो उन्हें डॉक्टर देता है.'